कोरोना काल में डटे रहे ये योद्धा, कुछ हेल्थ कर्मी पीछे हटे तो फिर पहले टीकाकरण करवा मिसाल बने
कोरोना महामारी ने जब दस्तक दी तो डाक्टर और हेल्थ वर्कर अपनी जान की परवाह किए बिना फ्रंटलाइन पर डटे। संक्रमण का शिकार हुए सैकड़ों लोगों को ठीक किया और इसके खिलाफ डटे रहे।
जासं, अमृतसर : कोरोना महामारी ने जब दस्तक दी तो डाक्टर और हेल्थ वर्कर अपनी जान की परवाह किए बिना फ्रंटलाइन पर डटे। संक्रमण का शिकार हुए सैकड़ों लोगों को ठीक किया और इसके खिलाफ डटे रहे। वहीं सभी को इस वायरस को हराने के लिए वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार था। करीब दस महीने बाद अब जब वैक्सीन आई है तो इससे पहले ही सारी तैयारियां कर ली गईं। शनिवार को जिले में तीन स्थानों पर इस टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ। सिविल अस्पताल में बेवजह कई लोग चिंता करने लगे और हेल्थ कर्मियों ने सबसे पहले यह टीका लगवाने से इन्कार कर दिया। आखिर इस विवाद को देख सिविल अस्पताल के सीनियर लैब टेक्निशियन एवं अस्पताल की यूनियन इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा कोरोना फाइटर की तरह आगे आए और 12.43 मिनट पर वैक्सीन लगवाने वाले पहले शख्स बने। शर्मा का तर्क था कि कोरोना को हराने के लिए यह राष्ट्रीय प्रोग्राम है और इसे हर हाल में सफल करना हमारा फर्ज है।
दरअसल, शनिवार को गुरु नगरी के तीन सरकारी अस्पतालों सिविल अस्पताल, गुरु नानक देव अस्पताल व कम्युनिटी हेल्थ सेंटर वेरका में टीकाकरण का शुभारंभ हुआ। सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए रूबरू हुए। इसके बाद सिविल अस्पताल में मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने जिले में इस अभियान की शुरुआत की। सबसे पहले राजेश शर्मा और फिर मेडिकल आफिसर डा. दिग्विजय सिंह व डा. मीनाक्षी वैक्सीन लगवाने आगे आए। पहले दिन तीनों अस्पतालों में 100-100 हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होना था, पर इनके न आने पर वरिष्ठ अधिकारियों एवं डाक्टरों ने खुद वैक्सीन लगवाई। शाम पांच बजे तक महज 78 हेल्थ वर्कर ही आगे आए यानी करीब 20 फीसद को ही टीका लगा। जिले के 19202 हेल्थ वर्करों को तीन दिन में कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। दोपहर 1.28 बजे जीएनडीएच टीकाकरण शुरू हुआ
दोपहर 1.28 बजे गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में टीकाकरण की शुरुआत हुई। मेडिकल कालेज के प्रिसिपल डा. राजीव देवगण ने सर्वप्रथम इंजेक्शन लगवाया। फिर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री, स्किन रोग विशेषज्ञ डा. एसके मल्होत्रा, डा. हरदीप सिंह, डा. बीबी महाजन, डा. राकेश शर्मा, एमएस कार्यालय के हरदीप सिंह, डा. दविदरपाल सिंह, डा. संजीव महाजन, नरेश कुमार, ईएनटी अस्पताल के कर्मी सिकंदर सिंह, मनीष कुमार, डा. केडी सिंह, डा. आदर्शजोत कौर, डा नशत्तर सिंह, डा. कंवरदीप सिंह, डा. सपना आदि ने वैक्सीन लगवाई। इनमें ज्यादातर डाक्टर वे हैं जिनका नाम सूची में नहीं थ। संख्या में कमी विश्वास की कमी से
पहले दिन टीकाकरण के प्रति हेल्थ वर्करों में डर व विश्वास की कमी के कारण उत्साह नजर नहीं आया। वे इस उधेड़बुन में थे कि टीका लगवाएं या नहीं। कहीं इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं होगा। वेरका स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में 20 हेल्थ वर्करों का टीकाकरण हुआ। यहां भी पहले कौन टीका लगवाए, इस पर बहस छिड़ी हुई थी। अंतत: यहां कार्यरत चीफ फार्मेसी आफिसर पूनम सैनी सल्होत्रा ने सर्वप्रथम टीका लगवाया। चिंता न करें, टीकाकरण के लिए आगे आएं
ऐसे में अब यह सवाल पैदा हो गया है कि जिले के 19202 हेल्थ वर्करों को तीन दिन में कोरोना वैक्सीन कैसे लगाई जाएगी। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि हम सभी हेल्थ वर्करों का टीकाकरण करेंगे। जो वर्कर आगे नहीं आए, उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। जिन डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ ने वैक्सीन लगवाई है वह भी जागरूकता फैलाएंगे कि उन्हें टीका लगाने से कोई शारीरिक समस्या नहीं हुई। सिविल अस्पताल की छह गायनी डाक्टरों ने टीकाकरण करवाया है। हम शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लेंगे। हेल्थ वर्कर बोले, पहले सिविल सर्जन और बड़े अधिकारी लगवाएं टीका
सुबह जब टीकाकरण का शुभारंभ हुआ तो वो हेल्थ कर्मी आगे नहीं आए जिनका टीकाकरण होना था। अस्पताल की यूनियन इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा ने कहा कि जब तक सिविल सर्जन सहित प्रोग्राम आफिसर कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाते, तब तक कोई हेल्थ वर्कर नहीं लगवाएगा। सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह को राकेश शर्मा ने खरी-खरी सुनाई। उनका तर्क था कि अवार्ड लेने की बात आती है? तो अधिकारी खुद को कोरोना वारियर बताते हैं और जब वैक्सीन लगाने की बारी आई तो पल्ला झाड़ रहे हैं। उनका कहना था कि कर्मचारियों में भय व्याप्त है और इसे दूर करने के लिए सिविल सर्जन स्वयं आकर वैक्सीन लगवाएं। ये हैं वो योद्धा जो वैक्सीन लगवाकर काम पर डटे
राजेश शर्मा : सबसे पहले वैक्सीन लगवाई, फिर लैब में ड्यूटी निभाई
राजेश शर्मा ने सबसे पहले वैक्सीन लगवाने का खिताब अपने नाम किया है। कोरोना काल में उन्होंने कोविड कलेक्शन सेंटर में निरंतर कोरोना सैंपल लिए और इनकी टेस्टिग भी की। राजेश शर्मा वैक्सीन लगवाने के आधा घंटा बाद लैब में पहुंचकर सैंपलों की जांच में जुट गए। डा. आदर्श : पेश किया कर्तव्यनिष्ठता का उदाहरण
जीएनडीएच में कार्यरत डा. आदर्श जोत कौर तूर ने टीका लगवाने के बाद आधा घंटा तक रिकवरी रूम में रुकीं। इसके बाद वह अपने काम पर लग गईं। डा. आदर्श की ड्यूटी वैक्सीन सेंटर में ही लगाई गई है। उनकी निगरानी में ही कोविड वैक्सीन लगाई जा रही थी। डा. संजीव महाजन ने भी वैक्सीन लगवाने के बाद काम पर लग गए। डा. राजीव देवगन : लोगों को घबराने की जरूरत नहीं
सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर के प्रिसिपल डा राजीव देवगन ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने सरकारी मेडिकल कालेज में सबसे पहले यह वैक्सीन लगवाई है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, तमाम जांच के बाद ही वैक्सीन को लोगों की सुरक्षा के लिए भेजा गया है। लोगों को अफवाहों पर गौर नहीं करना चाहिए। डा. जेपी अत्री : लोग चिंता न करें, वैकत्सीन सुरक्षित है
गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री ने कहा कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन की डोज लगवाई है। अभी तक उन्हें कोई भी समस्या नहीं आई है। लोग चिंता न करें। यह सुरक्षित है। उनको घबराने वाली बात कोई नहीं है। कोरोना के खात्मे में वैक्सीन की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज छुट्टी, कल होगा टीकाकरण
दूसरे चरण में अब सोमवार को टीकाकरण होगा। रविवार की छुट्टी है। इसलिए अब सोमवार से टीकाकरण की मुहिम शुरू होगी। शुभारंभ से पहले ही टूटा मेन गेट
गुरुनानक देव अस्पताल में वैक्सीन सेंटर का मेन गेट ही अचानक टूट कर गिर गया। अभी टीकाकरण की शुरूआत नहीं हुई थी। कर्मचारियों ने गेट को उठाकर साइड में खड़ा कर दिया।