खुशखबर : जीएनडीएच में अब दिल के मरीजों का होगा इलाज, सस्ते में पड़ेगा स्टंट
दिल का दर्द अब दूर होगा। पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल में बहुप्रतीक्षित कैथ लैब कार्यान्वित होने जा रही है।
नितिन धीमान, अमृतसर: दिल का दर्द अब दूर होगा। पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल में बहुप्रतीक्षित कैथ लैब कार्यान्वित होने जा रही है। मेडिकल शिक्षा व खोज विभाग ने इस लैब को शुरू करने के लिए डीएम कार्डियोलाजिस्ट की तैनाती कर दी है। निजी क्षेत्र के डीएम कार्डियोलाजिस्ट डा. परमिदर सिंह इस लैब में डीएम कार्डियोलाजिस्ट के रूप में सेवाएं देंगे। डा. परमिदर मोगा के गांव ठठियानी के रहने वाले हैं।
दरअसल, वर्ष 2017 में कैथ लैब की स्थापना की गई थी। शुरुआती चरण में दो मरीजों के हार्ट प्रोसीजर किए गए। ये प्रोसीजर भी उसी कंपनी द्वारा भेजे गए कार्डियोलाजिस्ट ने किए थे जिसने कैथ लैब की मशीनें इंस्टाल की थीं। फिर निजी कंपनी ने डाक्टर वापस बुला लिए, पर मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग द्वारा कार्डियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं की गई। हालांकि गुरुनानक देव अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट डा. राजीव अरोड़ा कार्यरत हैं, पर उन्होंने कभी हार्ट प्रोसीजर नहीं किया।
कैथ लैब को सुचारू ढंग से चलाने के लिए डीएम कार्डियोलाजिस्ट की दरकार रहती है। इसके अलावा प्रशिक्षित स्टाफ भी अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 2018 में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अरोड़ा की अगुआई में स्टाफ का एक दल पीजीआइ चंडीगढ़ भेजा गया, ताकि इन्हें कैथ लैब के संचालन की बारीकियां समझाई जा सकें। कोर्स पूरा होने के बाद ये डाक्टर व सहयोगी स्टाफ लौट आया, पर कैथ लैब कार्यान्वित नहीं की गईं। इसी बीच कैथ लैब की वायर को चूहों ने भी कुतर दिया था। अस्पताल प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर वायरिग ठीक करवाई। विभाग से लगातार पत्राचार किए। अब जाकर कहीं कैथ लैब के शुरू होने की उम्मीद बंधी है। डा. परमिदर सिंह ने अस्पताल में ज्वाइन कर लिया है। लैब में उपकरण पूरा करने में जुटा प्रबंधन
डा. परमिदर सिंह ने अस्पताल में ज्वाइन कर लिया है। अस्पताल प्रशासन ने डा. परमिदर से रिक्वायरमेंट मांगी है। कैथ लैब में जिस सामान अथवा उपकरण की जरूरत है वह अस्पताल प्रशासन पूरा करवाएगा। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है कि एक माह के भीतर ही लैब को शुरू करेंगे। ये ट्रीटमेट और सर्जरी होंगी शुरू
लैब खुलने से यहां एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर प्रत्यारोपण, आरपीएफ प्रोसीजर, स्टंटिग, इंप्लांटेशन, कार्डियोग्राफी, टीएमटी व होल्टर जैसी जटिल प्रक्रियाएं संपन्न होंगी। मरीजों के दिल का सूक्ष्म अध्ययन करने के लिए एक्सरे- कैमरा इंस्टाल किया गया है। बाईपास सर्जरी के लिए हार्ट लंग मशीन भी उपलब्ध है। खुलीं कई कैथ लैब्स
यह बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट पांच वर्ष के अंतराल से जमीन पर खड़ा हुआ है। कैथ लैब के निर्माण के लिए तैयार फाइलें नीति-निर्धारकों की टेबलों पर अटकी रहीं। इस बीच पंजाब खासकर अमृतसर के निजी अस्पतालों में एक के बाद एक कैथ लैब खुलती गई। हाल ही में अमृतसर के दो निजी अस्पतालों ने कैथ लैब की सुविधा प्रदान की है, पर महंगे उपचार के कारण ज्यादातर लोग इनकी सेवाएं लेने से कतरा रहे हैं। लोगों को सरकारी कैथ लैब के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।