Move to Jagran APP

सरबत द भला ट्रस्ट के प्रयासों से प्रताप सिंह का शव भारत पहुंचा

। परिवार की गरीबी को दूर करने के उद्देश्य से दुबई पहुंचे प्रताप सिंह (44) का शव बुधवार को भारत लाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 12:01 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:23 AM (IST)
सरबत द भला ट्रस्ट के प्रयासों से प्रताप सिंह का शव भारत पहुंचा
सरबत द भला ट्रस्ट के प्रयासों से प्रताप सिंह का शव भारत पहुंचा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

loksabha election banner

परिवार की गरीबी को दूर करने के उद्देश्य से दुबई पहुंचे प्रताप सिंह (44) का शव बुधवार को भारत लाया गया। सरबत द भला ट्रस्ट के सदस्यों ने श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचने पर शव बुधवार को दोपहर मृतक के परिजनों को सौपा दिया। ट्रस्ट के पैटर्न डॉ. एसपीएस ओबराय के प्रयासों से ही शव भारत लाया जा सका।

मृतक के पुत्र जसकरणदीप सिंह, जो दुबई से अपने पिता का शव लेकर पहुंचे, ने बताया कि वे मेहता कस्बा के निकटतम गांव मलिक नंगल का रहने वाला है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। पैसे कमाकर इस स्थिति को मजबूत बनाने का सपना लेकर पिता प्रताप सिंह 27 सितंबर को दुबई पहुंचे थे। पिता उसके साथ दुबई में मेहनत मजदूरी कर परिवार को खुशहाल बनाना चाहते थे। लेकिन दुबई पहुंचने के अगले दिन ही 28 सितंबर को पिता को दिल का दौरा पड़ गया। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

घर की आर्थिक हालत खराब होने के कारण शव को भारत लाना उनके बस में नहीं था। इसका पता जब प्रताप के दुबई में रहने वाले चचेरे भाई व अन्य को चला तो उन्होंने परिवार की स्थिति का हवाला देते हुए डॉ. एसपीएस ओबराय को शव भारत भेजने में मदद करने की गुहार लगाई। जिस पर डॉ. ओबराय और उनकी टीम ने दुबई में प्रताप सिंह की सभी जरुरी कागजी औपचारिकताएं मुकम्मल करवाई और आज शव को भारत लाया जा सका। एयरपोर्ट पर ट्रस्ट के सेवादार मनप्रीत सिंह संधू, नवजीत सिंह घई, बलदीप सिंह चाहल, हरजिदर सिंह हेर तथा शिशपाल सिंह लाडी ने पीड़ित परिवार के साथ दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रस्ट अभी तक इस तरह के 130 बदनसीब लोगों के शव भारत लाकर उनके परिजनों को सौप चुका है। इस नेक काम में श्री ओबराय के निजी सहायक अमीर सुल्तान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके पर मृतक के भाई पलविदंर सिंह, सुखदेव सिंह, मनजोत सिंह, सुरिदरपाल सिंह ने डॉ. ओबराय का धन्यवाद किया और कहा कि अगर इस बुरे वक्त में ट्रस्ट उनकी मदद नहीं करता तो शायद वे अपने परिजन का अंतिम बार चेहरा भी नहीं देख पाते।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.