मृत लोगों की इंश्योरेंस पर क्लेम लेने वाले दस पर पर्चा
अमृतसर महानगर में मरे लोगों की इंश्योरेंस कर निजी कंपनियों से उसका बीमा वसूलने वाले गिरोह का भंडाफोड कर पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
-बिरला सनराइज कंपनी के दो मैनेजर, एक डॉक्टर, बैंक मुलाजिम और एजेंट चला रहे थे महानगर में नेटवर्क
-ग्रामीण इलाकों में रहने वाले झोलाछाप डाक्टरों से मिलती थी मरने वाले लोगों की लिस्ट
फोटो नंबर 69 से 75
जागरण संवाददाता, अमृतसर
महानगर में मरे लोगों की इंश्योरेंस कर निजी कंपनियों से उसका बीमा वसूलने वाले गिरोह का भंडाफोड कर पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। आरोपितों में बिरला सनराइज कंपनी की मैनेजर रणदीप कौर निवासी मजीठा रोड स्थित इंद्रा कॉलोनी, मैनेजर विजय कुमार भारद्वाज, डॉक्टर सतीश कुमार, एक निजी बैंक का कर्मी संदीप ¨सह, एजेंट सविता बमोत्रा सहित कुछ अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। एसीपी क्राइम पल¨वदर ¨सह ने बताया कि सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें छापामारी कर रही है।
बिरला सनराइज दिल्ली शाखा के मैनेजर राजीव शर्मा के बयान पर रंजीत एवेन्यू थाने की पुलिस ने रा¨जदर ¨सह की पत्नी रणदीप कौर (मैनेजर), विजय कुमार भारद्वाज (मैनेजर), बाबा बकाला थानांतर्गत पड़ते गांव गगड़भाना एजेंट पल¨वदर ¨सह, लारेंस रोड निवासी यशमीत कौर (एजेंट), सविता बमोत्रा (एजेंट), लोपोके थानांतर्गत पड़ते गांव प्रीत नगर निवासी गुरसेवक ¨सह, बैंक कर्मी संदीप ¨सह, विजय कुमार, राजासांसी थानांतर्गत पड़ती एयरपोर्ट कालोनी निवासी चैरी, ओठिया गांव निवासी गोरा सिंह की बेटी मनप्रीत कौर को नामजद किया गया है।
इस तरह चलाते थे नेटवर्क
जांच में सामने आया कि गिरोह में काम करने वाले एजेंट गांव के झोलाछाप डाक्टरों को संपर्क करते थे और मरे हुए लोगों को वहां से लिस्ट ले लेते थे। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की जाती थी दस लाख का बीमा लेकर परिवार को मात्र दो या ढाई लाख रुपये देकर काम निपटा लिया जाता था। परिवार से मृतक का डेथ सर्टिफिकेट लिया जाता था। फिर उन दस्तावेजों को बड़ी सफाई के साथ स्कैन कर उसमें तारीखों का हेरफेर कर क्लेम के लिए अलग-अलग निजी कंपनियों में अप्लाई कर दिया जाता था। बिरला सनराइज के अधिकारियों के मुताबिक, गिरोह के उक्त सदस्य बिरला सन राइस कंपनी में ही 5 केसों का क्लेम हासिल कर चुके हैं। लगभग 15 केस अभी पाइपलाइन में हैं। कंपनी अभी अन्य केसों को वेरीफाई कर रही है। जांच मे सामने आया है कि गिरोह के सदस्य दस लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का क्लेम पास करवाते हैं। कोर्ट के मार्फत भी ले चुके हैं एक क्लेम
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि वह खेमकरण निवासी गुर¨वदर ¨सह (मरने वाले) का 50 लाख का क्लेम अदालत के मार्फत भी ले चुके हैं। हालांकि आरोपितों ने पहले क्लेम लेने से इन्कार कर दिया था। लेकिन बाद में कोर्ट में बिरला सनराइज के खिलाफ याचिका दायर कर दी गई थी। फिरोजपुर में भी हुई थी 21 लोगों पर एफआइआर दर्ज
3 नवंबर 2016 को फिरोजपुर पुलिस ने इसी तरह के एक मामले में 130 नंबर एफआइआर दर्ज करते हुए 21 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और षड़यंत्र रचने की धाराएं शामिल की थी। फिलहाल आरोपितों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत अर्जियां दायर कर रखी हैं। बैंक कर्मी डलवाता था क्लेम की राशि
पैसों के लेनदेन की जिम्मेदारी बैंक कर्मी संदीप ¨सह करता था। बताया जा रहा है कि संदीप ¨सह मरने वाले के परिवार (नोमिनी) के दस्तावेज लेकर बैंक में खाता खुलवाता था। बैंक में खाता खुलने के बाद खाता होल्डर का एटीएम, चेकबुक और अन्य दस्तावेज अपने पास ही रखता था। जब क्लेम के पैसे बैंक में पहुंच जाते थे तो तय की गई डील की मामूली राशि देकर वह सारे पैसे गिरोह के अन्य सदस्यों में बांट देता था।