ट्रे¨नग वर्कशॉप में नहीं पहुंचे 75 पार्षद, मेयर की जुबां पर आया दर्द
परिवर्तन-फूड सेफ्टी एंड हाइजीन ट्रे¨नग वर्कशॉप में मेयर व कमिश्नर ने स्ट्रीट फूड वेंडरों को दी स्वच्
परिवर्तन-फूड सेफ्टी एंड हाइजीन ट्रे¨नग वर्कशॉप में मेयर व कमिश्नर ने स्ट्रीट फूड वेंडरों को दी स्वच्छता की नसीहत, स्ट्रीट वेंडरों को प्रोजेक्टर पर दिखाया कैसे बनाएं हाइजिनिक फूड।
फोटो — 60 व 17 से 22
जागरण संवाददाता, अमृतसर
शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षद जन मुद्दों पर कितना संवेदनशील हैं, इसका ताजातरीन उदाहरण बुधवार को नगर निगम द्वारा आयोजित'परिवर्तन-फूड सेफ्टी एंड हाइजीन ट्रे¨नग वर्कशॉप'में दिखा। शहर के फूड स्ट्रीट वेंडरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए पांच सितारा होटल मे रखी गई इस वर्कशॉप का न्यौता शहर के सभी 83 पार्षदों को दिया गया था। अफसोस, वर्कशॉप में आठ पार्षदों ने ही सहभागिता दिखाई। बाकी 75 पार्षदों ने न तो आने की जहमत उठाई और न ही फोन कर वजह बताई। महज आठ पार्षदों की उपस्थिति में शहर के 100 फूड स्ट्रीट वेंडरों को नगर निगम के मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू व कमिश्नर सोनाली गिरि ने साफ-सफाई, शुद्धता एवं गुणवत्ता का पाठ पढ़ाया।
पार्षदों के न आने का दर्द मेयर की जुबां पर भी आया। उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि इतने व्यापक अभियान में केवल आठ पार्षद ही आएं, यह ठीक नहीं लगा। पार्षद अपनी-अपनी वार्डों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोगों के चुने हुए नुमाइंदे हैं। उनकी जिम्मेवारी है कि यदि शहर में सुधारवादी कार्य होता है तो उसमें अपनी सहभागिता भी प्रस्तुत करें। अगर पार्षद यहां आते तो अपनी-अपनी वार्डों में इस वर्कशॉप में हुई चर्चा-परिचर्चा का सकारात्मक प्रसार भी करते।
दरअसल, पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वे में बुरी तरह पिछड़ने वाले अमृतसर को पहली कतार में खड़ा करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने इस वर्कशॉप का आयोजन किया था। 2017 में देश के 500 शहरों के सर्वे में अमृतसर को 258वां स्थान मिला था। सर्वे में बुरी तरह पिटने के बाद अमृतसर नगर निगम ने स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। इसका अनुकूल असर रहा कि इस वर्ष अमृतसर को 33वां रैंक मिला है। अब निगम ने स्वच्छता सर्वे में देश के दस राज्यों में शुमार होने के लिए छोटे से लेकर बड़े हर शख्स को सफाई का महत्व समझाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में बुधवार को'परिवर्तन-फूड सेफ्टी एंड हाइजीन ट्रे¨नग वर्कशॉप'का आयोजन कर स्ट्रीट फूड वेंडरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया। वर्कशॉप में मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू, निगम कमिश्नर सोनाली गिरि, सिविल सर्जन डॉ. हरदीप ¨सह घई व निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजू चौहान शामिल हुए।
मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू ने स्ट्रीट फूड वेंडरों से कहा कि वह अपने घर में परिवार को अच्छा खाना खिलाते हैं, पर जब बात व्यवसाय की आती है तो हमारी सोच परिवर्तित हो जाती है। कमाई की तरफ ध्यान चला जाता है। कमाई जरूरी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि लोगों को बीमारियां देने वाला फूड परोसें। अगर आप अच्छी भावना से काम करेंगे तो कारोबार में बरकत आएगी। जो वस्तु पका रहे हैं वह लोगों के लिए लाभकारी है या नुकसानदेय यह आप भली—भांति जानते हैं। आज 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में बीमार हैं। किसी को पेट की बीमारी है तो किसी को असाध्य रोग। इसका प्रमुख कारण हमारा खान-पान ठीक न होना है। शहर में बहुत से लोग व बाहर से आए ज्यादातर पर्यटक फूड स्ट्रीट पर निर्भर करते हैं। इन्हें अच्छा खाना नहीं मिलेगा तो ये स्वस्थ नहीं रह पाएंगे। स्ट्रीट वेंडर अच्छा फूड बेचेंगे तो ग्राहक ज्यादा आएंगे और फिर मुनाफा भी ज्यादा ही होगा। फूड स्ट्रीट वेंडर अपने आसपास सफाई रखें तो 2019 में अमृतसर को स्वच्छता सर्वे में पहला रैंक भी मिल सकता है।
निगम कमिश्नर सोनाली गिरि ने कहा कि अगले वर्ष स्वच्छता सर्वे का काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले-पहल हमें गुरु नगरी को सफाई के संदर्भ में नंबर वन बनाना है। स्वास्थ्य और सफाई का अर्थ तन और मन से है। आज समय बदल गया है। पहले प्रदूषण नहीं था, हैंडपंप से पानी निकालकर पी लेते थे। आरओ का कहीं नामोनिशान नहीं था। आज दूषित खाने से पेट की बीमारियां बढ़ी हैं। हर साल डायरिया का प्रकोप फैलता है। मैंने कुछ दिन पहले स्ट्रीट वेंडर को देखा। उसने डबल रोटी को लोहे हुक में टांग रखा था। इस तरह की चीजें लोगों को खिलाएंगे तो बीमारी तो बढ़ेगी ही। ऐतिहासिक नगरी में जो लोग आते हैं उन्हें गुरु का आशीष तो मिलता है, साथ ही स्ट्रीट वेंडरों का प्यार भी मिलना चाहिए। लोगों को साफ पानी पिलाएं, अच्छा खाना खिलाएं। यह सोचें कि जो हम परोस रहे हैं उससे किसी को नुकसान तो नहीं होगा। सोनाली गिरि ने कहा कि मैंने एक दुकानदार से चेरी खरीदी। ऊपर मोटी-मोटी चेरी थी, जबकि नीचे सड़ी गली और छोटे दाने थे। दुकानदार से पूछा तो वह बोला मैडम आपने चेक कर लिया, वरना कोई देखता नहीं, इसलिए हम बेच डालते हैं। हमें यह सोच बदलनी होगी। मिलावटी का खेल बंद करें, गंदगी मिटाएं और शुद्ध आहार परोसें।
निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजू चौहान ने कहा स्ट्रीट वेंडर अपने आसपास कूड़ा न पनपने दें। हाथ साफ रखें, टोपी मास्क व ग्लब्ज का प्रयोग करें। बर्तन अच्छी तरह साफ करें। अपने कर्मचारियों का छह माह बाद मेडिकल करवाएं। इस अवसर पर स्ट्रीट वेंडरों को प्रोजेक्ट पर शुद्ध आहार तैयार करने के तरीके बताए गए।
वर्कशॉप में अभिनेता अर¨वदर भट्टी, संजीव शर्मा, राजेश गुरदेव ¨सह ममणके, ज¨तदर सोनिया, बलदेव ¨सह, हरप्रीत ¨सह, मोहन ¨सह, ज¨तदर ¨सह, प्रदीप शर्मा, सर्बजीत ¨सह लाटी, इंस्पेक्टर विजय गिल, अर¨वदर भट्रटी, मोती सागर भी उपस्थित थे।
मोबाइल बस को दिखाई हरी झंडी
मेयर व कमिश्नर ने मोबाइल बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बस मे स्ट्रीट वेंडरों को बिठाकर स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए एलसीडी लगाई गई है। निगम ने स्ट्रीट वेंडरों को ग्लब्ज, मास्क व टोपी भी प्रदान किए।