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मानसून सीजन में शहर में लगेंगे एक लाख पौधे, नगर निगम करेगा एक साल तक देखभाल

पौधे लगाने के लिए यह सबसे उचित समय होता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 11:00 AM (IST)
मानसून सीजन में शहर में लगेंगे एक लाख पौधे, नगर निगम करेगा एक साल तक देखभाल

हरदीप रंधावा, अमृतसर: मानसून सीजन आने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में इसका पूरा लाभ लेने के लिए नगर निगम तैयार है। पौधे लगाने के लिए यह सबसे उचित समय होता है। ऐसे में शहर को हरा-भरा बनाने के मकसद से मानसून सीजन में नगर निगम विभिन्न प्रकार के एक लाख पौधे लगाएगा। इसका ब्लू प्रिट नगर निगम तैयार कर चुका है, जिसमें बड़े स्तर पर पौधारोपण होगा। शहर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले पौधारोपण को सफल बनाने के मकसद से नगर निगम विशेष योजना बना रहा है। इसमें शहर की जनता के साथ-साथ समाज सेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जाएगा।

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स्मार्ट सिटी मिशन के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर (सीईओ)-कम-नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर (जेसी) हरदीप सिंह ने बताया कि बड़े स्तर पर होने वाले पौधारोपण में शहरवासियों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। एक लाख पौधों में से पंद्रह हजार पौधे नगर निगम को लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) कंपनी देगी। 85 हजार पौधे नगर निगम विभिन्न समाज सेवियों के सहयोग से जुटाकर लगवाएगा। वहीं एक साल तक उन पौधों की नगर निगम खुद देखभाल भी करेगा। पौधारोपण करके सिर्फ तस्वीर करवाना ही नगर निगम का मकसद नहीं है बल्कि शहर में पर्यावरण को हरा-भरा और स्वच्छ बनाना ही असल उद्देश्य है। जुलाई का पूरा महीना शहर में पौधारोपण अभियान चलेगा। इसके तहत हर सड़क, फुटपाथ और डिवाइडरों पर पौधारोपण किया जाएगा। यही नहीं जिला प्रशासन भी हाईवे पर बने ओवर ब्रिज पर वर्टिकल गार्डन बनवा रहा है। कहां किस तरह के लगाए जाने चाहिए पौधे

सड़कों के किनारे

गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के बागबानी सलाहकार डा. जसविदर सिंह बिलगा का कहना है कि निगम को सड़कों के दोनों किनारे पौधे लगाने चाहिए। उनमें नीम, सीरस, मोलसरी, पुत्ररंजीवा, कदम, गुलमोहर, जेकरंदा, अमलतास, देसी अशोका शामिल हैं। फुटपाथों पर

फुटपाथों पर छोटे पेड़ों के साथ-साथ बड़ी झाड़ियां लगाई जा सकती हैं। ये ऊपर से गुजरने वाली बिजली की तारों से नीचे ही रहती हैं। इनमें पगोडा, प्रियाकनेर, सिगल चांदनी, हमिलिया, केशीया, टीकोमा शामिल हैं। डिवाइडरों पर

वहीं डिवाइडरों पर अलग-अलग रंग बोगनविलिया, लाल, गुलाबी व सफेद कनेर, केलीएंड्रा आदि के पौधे लगाने चाहिए। मिट्टी में सही गहराई से गढ्डे करने के साथ-साथ अच्छी मिट्टी व गोबर की खाद डाली जाए, तो परिणाम अच्छे मिलेंगे। खुली जगह है तो चक्राशय, तिलकन, सुखचैन, छायादार के पौधे लगा सकते

जिला वन विभाग के वन मंडल अधिकारी हरजिदर सिंह का कहना है कि शहर में सड़कों के साथ-साथ फुटपाथों व डिवाइडरों पर बिजली के साथ-साथ टेलीफोन की तारें भी गुजरती हैं। ऐसे में यदि खुली जगह है, तो वहां चक्राशय, तिलकन, सुखचैन, छायादार के पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं फूलों की श्रेणी में यक्रेंडा को यामुनी रंग के फूल लगते हैं। उसमें लेजरसट्रूोमिया आदि फूलों के साथ-साथ छायादार पेड़ हैं। उसके बाद चांदनी और हिबिसकस आदि छोटे साइज के पोधे हैं, जिन्हें लगाकर शहर की सुंदरता को बढ़ाया जा सकता है। जुलाई में मानसून सीजन में होने वाली बारिश में अच्छी तरह तैयारी से पौधे लगाए जाएं, तो बढि़या होगा। दैनिक जागरण की अपील

पर्यावरण संरक्षण दैनिक जागरण के सात सरोकार का हिस्सा है। इसके तहत लगातार पर्यावरण में योगदान देने वालों के योगदान से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते हुए अन्य लोगों को भी प्रेरित किया जाता है। साथ ही बढ़े प्रदूषण और पर्यावरण को हो रहे नुकसान से जुड़ी जानकारी देकर इसमें सुधार के लिए भी जनता को लगातार सचेत किया जा रहा है। इसलिए यह हम सबके लिए एक सुनहरा अवसर है। अपने व आने वाली युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए सभी लोग आगे आएं और अधिक से अधिक पौधे लगाकर अपना योगदान दें। मानसून सीजन में पौधों को पर्याप्त पानी मिलता है। इस कारण पौधे जल्दी विकसित होते हैं। अगर हर व्यक्ति पौधा लगाएगा तो वे कुछ वर्षो में पेड़ बनकर पर्यावरण बचाने में अहम योगदान देंगे।


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