कनाडा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशन पर विवाद, SGPC कर्मचारियों की मिलीभगत का शक
कनाडा में प्रकाशित हुए पावन स्वरूपों के मामले में भी SGPC आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है। निजी संस्था सतनाम रिलीजियस सोसायटी ने बिना अनुमति इसका प्रकाशन किया।
जेएनएन, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के पब्लिकेशन विभाग से गायब हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूपों के मामले में विवाद के बीच एक और केस में कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। कनाडा में प्रकाशित हुए पावन स्वरूपों के मामले में भी SGPC आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।
श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर SGPC के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने SGPC के महासचिव एचएस धामी के नेतृत्व में सब कमेटी बनाई थी। कमेटी अब कनाडा में प्रकाशित पावन स्वरूपों के मामले में आरोपितों की पहचान कर रही है। साथ ही उन कर्मचारियों व अधिकारियों का भी पता लगाया जा रहा है जो कनाडा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के के स्वरूप प्रकाशित करने वालों से निकटता रखते हैं। SGPC के कुछ अधिकारी भी इस मामले में लिप्त बताए जा रहे हैं। कितने स्वरूप छापे गए इसकी भी जांच की जा रही है।
श्री अकाल तख्त साहिब में 24 अगस्त को पांच सिंह साहिबान की बैठक में कनाडा की निजी संस्था सतनाम रिलीजियस सोसायटी के रिपुदमन सिंह मलिक और बलवंत सिंह पंधेर को आदेश दिए गए थे कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के 9 मई, 1998 के आदेशों का उल्लंघन करके स्वरूप प्रकाशित किए हैं, इसलिए प्रेस और प्रकाशन की सारी सामग्री को सील कर लिया जाए। आरोपितों को एक माह के अंदर श्री अकाल तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण भेजने के आदेश दिए थे। इस संस्थान को SGPC ने पवित्र स्वरूप प्रकाशित करने की इजाजत नहीं दी थी। संस्थान का प्रार्थना पत्र SGPC के पास विचाराधीन था।
किसने दी मौखिक स्वीकृति
अब सवाल यह उठ रहा है कि कि जब इस संस्थान को SGPC ने स्वीकृति ही नहीं दी तो SGPC के किन अधिकारियों की कथित मौखिक स्वीकृति से संस्थान ने स्वरूप प्रकाशित किए। संगत को कहा गया कि उनको SGPC ने स्वीकृति दे दी है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशन के लिए फॉन्ट SGPC के किसी अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत के बिना कनाडा के निजी संस्थान के पास नहीं पहुंच सकता।
दोषी को बख्शा नहीं जाएगा : प्रधान
SGPC के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि पावन स्वरूपों का मामला अति संजीदा है। इसमें किस भी दोषी को बख्शा नही जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर तैनात क्यों न हो। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का सख्ती से पालन होगा। श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह ने कहा कि SGPC के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना पावन स्वरूपों का प्रकाशन संभव नहीं है।