Exclusive interview: पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत बोले- नेता सोच-समझकर बोलें, पार्टी फोरम पर ही रखें बात
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत राज्य में पार्टी के नेताओं के अंतर्विरोध को समाप्त करने में लगे हैं। इसके लिए उनका कहना है कि कांग्रेस नेताओं काे सोच-समझकर बोलना चाहिए। कांग्रेस नेता अपने विचार पार्टी फोरम पर ही रखें।
अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। कांग्रेस में 'आल इज वेल' की कवायद में जुटे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि पार्टी में उठ रही अलग-अलग आवाजें लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं। फिर भी हम जितने मर्जी बड़े लीडर बन जाएं, हमें सोच-समझ कर ही बोलना चाहिए। मीडिया के बजाय पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए।
हरीश रावत ने कहा, नेताओं को मीडिया के माध्यम से नहीं बात करनी चाहिए
उन्हाेंने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बिना किसी शर्त के पंजाब ही नहीं देश में कांग्रेस के लिए काम करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि सिद्धू का देशभर में उपयोग किया जाए। सिद्धू ही नहीं कांग्रेस का हर नेता पार्टी की संपत्ति है और मिशन 2022 को फतेह करने के लिए सबको साथ लेकर चला जाएगा। कांग्रेस में धड़ेबंदी की कोई गुजाइंश नहीं है। चाहे पिछले दिनों में कुछ नेताओं के सुर पार्टी नेताओं से अलग रहे हों, लेकिन सबका लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत दिलवाना ही है। रावत से कई मुद्दों पर दैनिक जागरण ने विशेष बातचीत की। पेश हैं उसके खास अंश-
- क्या आपको नहीं लगता कि सिद्धू को तरजीह देने से कैप्टन नाराज हो जाएंगे?
- नवजोत सिंह सिद्धू के सक्रिय होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज नहीं होंगे। जब मैं यहां आया था और मेरी कैप्टन से बात हुई थी तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि सिद्धू मेरा छोटा भाई है।
- आप कह रहे हैं कि सिद्धू कांग्रेस का भविष्य हैं? उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाने वाली है?
- सिद्धू का मैं धन्यवादी हूं कि उन्होंने बिना किसी शर्त कांग्रेस के लिए काम करने की हामी भरी है। उनका स्पष्ट कहना था कि जिससे पंजाब मजबूत हो और कांग्रेस को शक्ति मिले, मैं वहां खड़ा हूं। उन्होंने कोई मांग या शर्त नहीं रखी।
- पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, पूरी कैबिनेट की मांग के बावजूद हाईकमान ने बाजवा व दूलो पर कारवाई क्यों नहीं की?
- प्रदेश अध्यक्ष कि बात से मैं सहमत हूं और स्पष्ट कहना चाहता हूं कि हम जितने मर्जी बड़े लीडर बन जाएं, लेकिन हमें मीडिया के माध्यम से बात नहीं करनी चाहिए। बाजवा व दूलो भी पंजाब व कांग्रेस के हितैषी हैं। दोनों सुझाव और राजनीतिक कारणों से भेजे जाने वाले पत्र के अंतर को समझते हैं।
- 2022 में कांग्रेस के लिए शिअद, भाजपा या आप में से कौन सबसे बड़ी चुनौती है।
- कांग्रेस के लिए कोई चुनौती नहीं है। कांग्रेस 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। हम एक होकर लड़ेंगे। 2022 में जीत से पंजाब का कद देश की राजनीति में बढ़ेगा।