अजनाला में धन्यवाद रैली में देरी से पहुंचे जाखड़ तो उठने लगे लोग, हाथ जोड़ बैठाए
अजनाला के चमयारी में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसाना दा राखा पानियों और पंजाब का राखा करार देते हुए रखी गई धन्यवाद रैली में पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने भावनात्मक रूप से इस पर लोगों की सहानुभूति बटोरने की कवायद की।
अजनाला [विपिन कुमार राणा]। अमृतसर केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों को पंजाब विधानसभा में रद करने के लिए प्रस्ताव पारित करने के बाद अब इनके जरिये कांग्रेस ने 2022 की सियासी जमीन टटोलनी शुरू कर दी है। अजनाला के चमयारी में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसाना दा राखा, पानियों और पंजाब का राखा करार देते हुए रखी गई धन्यवाद रैली में पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने भावनात्मक रूप से इस पर लोगों की सहानुभूति बटोरने की कवायद की। साथ ही स्थानीय नेताओं ने अकाली दल के गढ़ माने जाने वाले अमृतसर देहात में अकाली दल को कृषि सुधार बिल पर घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि आज मंच से जो भी नेता बोला, उनका टारगेट अकाली दल ही रहा। साथ ही भाजपा को किसानों की नहीं, बल्कि साहूकारों की पार्टी करार दिया गया।
विधानसभा हलका के विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला के नेतृत्व में हुई रैली में वह भीड़ जुटाने में तो सफल रहे, पर जाखड़ के देरी से पहुंचने के वजह से पंडाल में सुबह दस बजे से बैठे लोग उब गए। यही वजह रही कि जब दो बजे जाखड़ ने बोलना शुरू किया तो लोग उठने शुरू हो गए। हरप्रताप ने तत्काल अपने वर्करों की ड्यूटी लगाते हुए उन्हें दोबारा बैठवाया ताकि प्रधान के आगे फजीहत न हो। रैली में कांग्रेस कमेटी अमृतसर देहाती के प्रधान भगवंत पाल सिंह सच्चर, विधायक सुनील दत्ती, विधायक संतोख सिंह भलाईपुर, प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन सुख¨जदर राज सिंह लाली मजीठिया, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी, जिला परिषद के चेयरमैन दिलराज सरकारिया, कंवरप्रताप सिंह अजनाला, आकाशदीप सिंह मजीठिया, राजबीर शर्मा के अलावा बड़ी संख्या में पंच, सरपंच व कांग्रेसी कार्यकर्ता हाजिर रहे।
नेताओं के तरकश से चले सियासी तीर
एमएसपी के बिना न तो किसान धान की खेती कर सकता है और न ही गेंहू की। अकाली दल ने दस साल में किसानी व जवानी का बहुत नुकसान किया और अब केंद्र सरकार इस पर उतारू हो गई है। किसानों के भले के कानून बताकर केंद्र किसानों को धोखा दे रही है।
- हरप्रताप सिंह अजनाला, विधायक अजनाला।
कृषि सुधार बिल तो शुरूआत है। भविष्य में पंजाबियों की पानी की लड़ाई भी लड़नी होगी। केंद्र सरकार हरियाणा और राजस्थान को पंजाब का पानी देना चाहती है, पर मुख्यमंत्री इसके खिलाफ है।
-सुनील दत्ती, विधायक अमृतसर उत्तरी।
मोदी अडानी-अंबानी की चाबी हैं। जो वह कहते हैं, केंद्र सरकार वही करती है। अब पंजाब की जमीन पर मोदी की नजर है कि यह भी कारपोरेट घरानों को दे दी जाए।
- संतोख सिंह भलाईपुर, विधायक बाबा बकाला।
लोकसभा व राज्यसभा पर बहस के बिना ही कानून पास कर दिया गया। हमारी विडंबना यह है कि संसद में किसानों की बात करने वाला ही कोई नहीं है। हमारे कृषि मंत्री तक को किसानी की एबीसी नहीं पता।
- भगवंत पाल सिंह सुच्चर, प्रधान कांग्रेस कमेटी अमृतसर देहाती।
भाजपा वाले किसानों को दुख क्या समझें। उन्होंने तो कभी गमले तक में गाजर नहीं बीजी है। कांग्रेस किसानों के हक के लिए लड़ेगी और उनके सपनों को चूकनाचूर नहीं होने दिया जाएगा।
- दिलराज सिंह सरकारिया, चेयरमैन जिला परिषद।
शांता कुमार पर आधारित कमेटी की सिफारिशों के बाद ही कृषि सुधार कानून बनाया गया है। कानून बनाते हुए किसानों का पक्ष नहीं सुना गया और इसे तानाशाही अपनाते हुए थोप दिया गया। - सुखजिंदर राज सिंह लाली -मजीठिया, चेयरमैन प्लानिंग बोर्ड।