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मेडिकल कॉलेज में थैलेसीमिया रोग पर हुई सीएमई

थैलेसीमिया जैसे खतरनाक रोगों के विषय में सरकारी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 06:00 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 07:14 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में थैलेसीमिया रोग पर हुई सीएमई

जागरण संवाददाता, अमृतसर : थैलेसीमिया जैसे खतरनाक रोगों के विषय में सरकारी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) का आयोजन किया गया। मेडिकल कॉलेज स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी द्वारा करवाई गई हैमटोलॉजी अपडेट-2018 सीएमई में विषय से संबंधित स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। डॉक्टरों ने अपने विचारों में कहा कि थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है जिसमें इंसान का रक्त बार-बार बदलना पड़ता है। इंसान के शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, परंतु थैलेसीमिया के कारण इनकी उम्र सिमटकर मात्र 20 दिनों की हो जाती है। इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है। हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर कमजोर हो जाता है और इंसान हमेशा ही किसी न किसी बीमारी का शिकार बना रहता है। पंजाब सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में थैलेसीमिया प्रभावित मरीजों के उपचार की सुविधा प्रदान की गई है।

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इस अवसर पर डॉ. चैप्सी फिल्प, डॉ. नवीन कक्कड़, सरकारी मेडिकल कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता शर्मा, गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डॉ. जसप्रीत ¨सह, डॉ. तेजबीर ¨सह, डॉ. जयदीप ¨सह, डॉ. सुमितोज धालीवाल, डॉ. पिशोरा ¨सह, डॉ. नरेश ग्रोवर, डॉ. मृदु ग्रोवर, डॉ. शाम सुंदर दीप्ती, डॉ. न¨रदर ¨सह आदि उपस्थित थे।


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