पीड़ित परिवार बोले, पांच लाख से कैसे चलेगा घर
जहरीली शराब से मरने वालों के करीब डेढ़ दर्जन पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से नहीं मिल पाए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: जहरीली शराब से मरने वालों के करीब डेढ़ दर्जन पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से नहीं मिल पाए। पीड़ितों ने बताया कि जहरीली शराब से उनके घर का मुखिया दुनिया से चला गया है। पांच लाख रुपये मुआवजा लेकर वह अपना और बच्चों का जीवन यापन कैसे करेंगे। उन्होंने कैप्टन अमरिदर सिंह से मांग की है कि पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वे अपने बच्चों का पालन पौषण अच्छी तरह से कर सकें।
कंग गांव निवासी नीलम, सोनिया, मंजीत कौर, रजतवंत कौर ने बताया कि जहरीली शराब पीने से उनका सुहाग उजड़ चुका है। सरकार ने मुआवजे के रूप में पहले दिन उन्हें दो-दो लाख रुपये और अब तीन-तीन लाख रुपये दिए हैं, लेकिन उक्त राशि से वह अपने परिवार का पालन नहीं कर सकतीं। पति जिदा होता तो उन्हें कोई चिता नहीं थी। अब पति की मौत के बाद बच्चों को देखना और उन्हें पालने के लिए रोजगार तलाशना काफी मुश्किल होगा। पीड़ित परिवारों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें वीरवार की शाम को ही संदेश दे दिया गया था कि वह किसी तरह पुलिस लाइन में पहुंच जाएं। सीएम उनसे मिलकर उनका हाल पूछेंगे। वह किसी तरह सुबह आठ बजे ही स्टेडियम पहुंच गए थे लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं दिया गया। जॉब कार्ड से संतुष्ट नहीं, सरकारी नौकरी चाहिए
कंडियाला गांव की सरबजीत कौर, बीरो, सुरिदर कौर, नरिदर कौर और रानी ने बताया कि उक्त त्रास्दी के बाद उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। सीएम से उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया। एक पुलिस मुलाजिम ने उन्हें जॉब कार्ड थमा दिए हैं। पूछने पर उन्हें बताया गया कि कुछ समय बाद उन्हें नौकरी दी जाएगी। बात करने पर उन्हें पता चला कि भविष्य में लगने वाले नौकरी मेले में उन्हें बुलाया जाएगा। फिर उन्हें प्राइवेट नौकरी मिल सकती है। पीड़ित परिवारों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वह अपने परिवार का गुजर बसर कर सकें।