दावा नशे के सफाया का लेकिन खुद शिकार बन रही पंजाब पुलिस, डोप टेस्ट में फेल हुए 13 जवान
पंजाब पुलिस राज्य से नशे का खात्मा करने मेें जुटी है और इसके लिए खूब दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन हालात कुछ अलग नजर आते हैं। पंजाब पुलिस के जवान नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। पंजाब से आतंकवाद का सफाया करने वाली पंजाब पुलिस राज्य से नशे को खत्म करने में जुटी है। दावे किए जा रहे हैं कि पंजाब से नशे को जड़ से सफाया कर दिया जाएगा, लेकिन हालत कुछ अलग ही नजर आ रहे हैं। ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पंजाब पुलिस के जवान नशे की चपेट में आ रहे हैं। यहां पुलिस के 13 जवानों के डोप टेस्ट में फेल होने के बाद यह खुलासा हुआ। बताया जाता है कि ये जवान अफीम और स्मैक लेने के आदी पाए गए हैं। अमृतसर के सिविल अस्पताल में तरनतारन के 22 पुलिस कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाया गया, इनमें से 13 के केस पॉजीटिव पाए गए।
अफीम व स्मैक लेने के आदी निकले 13 पुलिसकर्मी
वीरवार को सिविल अस्पताल में तरनतारन के पुलिसकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ था। ये पुलिसकर्मी डोप टेस्ट करवाने के लिए लाए गए थे। तरनतारन के डीएसपी सुखमिंदर सिंह ने अस्पताल के एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा को एक विनय पत्र दिया, जिसमें इन कर्मचारियों का डोप टेस्ट करने को कहा गया था। इसके बाद एक-एक कर्मचारी को लैब में भेजा गया और पेशाब के सैंपल लेकर डोप टेस्ट किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल भी मौजूद रहीं।
अमृतसर के सिविल अस्पताल में हुआ 22 मुलाजिमों का डोप टेस्ट, 13 की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली
दोपहर दो बजे डोप टेस्ट की रिपोर्ट आई, तो इसमें 13 कर्मचारियों का डोप टेस्ट पॉजीटिव पाया गया। ज्यादातर पुलिस कर्मचारियों के पेशाब में मॉरफिन पाई गई। इससे स्पष्ट है कि ये कर्मचारी अफीम व स्मैक लेने के आदी हैं। अस्पताल प्रशासन ने डोप टेस्ट की रिपोर्ट डीएसपी को सौंप दी है। एक साथ 13 कर्मचारियों के डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने से पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है। इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने से बच रहा है। एसएसपी तरनतारन ध्रुव दहिया ने कहा कि अभी वह कुछ नहीं कह सकते।
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तरनतारन में हुए डोप टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव थी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सिविल अस्पताल तरनतारन व सिविल अस्पताल पट्टी में डोप टेस्ट करने के नाम पर बड़ी धांधली हुई है। उक्त पुलिस कर्मचारियों का पहले इन अस्पतालों में डोप टेस्ट हुआ था। इस दौरान इनकी रिपोर्ट नेगेटिव जारी की गई थी। चूंकि तरनतारन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को संदेह था कि ये मुलाजिम नशेड़ी हैं और पैसे देकर इन्होंने रिपोर्ट बनवाई होगी। इसलिए इनका डोप टेस्ट अमृतसर से करवाया गया।
यदि हकीकत में तरनतारन व पट्टी अस्पतालों में पैसे लेकर रिपोर्ट तैयार की गई, तो यह पंजाब सरकार के नशामुक्त पंजाब के सपने को चकनाचूर करने जैसा है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।
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अमृतसर देहाती पुलिस के 16 कर्मचारी पाए गए थे नशेड़ी
इससे पूर्व सितंबर में अमृतसर देहाती पुलिस के कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाया गया था। इस दौरान 16 पुलिस वाले नशेड़ी पाए गए थे। एक कर्मचारी ने तो डोप टेस्ट को चकमा देने की असफल कोशिश भी की थी। वह घर से अपनी पत्नी के पेशाब के सैंपल ले गया था, लेकिन मशीन ने उसकी इस हरकत को पकड़ लिया था।
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