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छह सालों से व्हाईट वॉश को तरसे बीएसएनएल के क्वार्टर

अमृतसर : हर साल दीपावली के उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करवाने के साथ-साथ व्हाईट वॉश करवाते हैं, मगर भारतय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के क्वार्टर अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं, जिनकी रिपेयर आदि करवाने के लिए बीएसएनएल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 09:14 PM (IST)
छह सालों से व्हाईट वॉश को तरसे बीएसएनएल के क्वार्टर
छह सालों से व्हाईट वॉश को तरसे बीएसएनएल के क्वार्टर

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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हर साल दीपावली के उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करवाने के साथ-साथ व्हाईट वॉश करवाते हैं, मगर भारतय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के क्वार्टर अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं, जिनकी रिपेयर आदि करवाने के लिए बीएसएनएल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है। क्वार्टरों में रहने वाले लोगों के मुताबिक पिछले छह सालों से क्वार्टरों में व्हाईट वॉश तक नहीं हुआ है, जबकि कुछ लोगों ने अपनी जेब से खर्च करके दीवाली पर व्हाईट वॉश करवाना पड़ता है। कई-कई महीने नहीं काटा जाता घास

क्वार्टरों में रहने वाले मुलाजिमों के मुताबिक बीएसएनएल के 60 से लेकर 65 क्वार्टर हैं, जिनमें विभागीय कर्मचारी बेसिक वेतन पर 20 प्रतिशत किराया भरकर अपनी परिवारों के साथ रहते हैं। मुलाजिमों को अपने वेतन का 20 प्रतिशत किराया भरने के बावजूद कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। क्वार्टरों में रहने वाले मुलाजिमों का कहना है कि क्वार्टरों के आस-पास घास घुटनों तक बड़ा रहता है, जिसकी कटाई करवाने के विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की जाती और मजबूरी में मुलाजिमों को खुद की जेब से पैसे खर्च करके घास को कटवाना पड़ता है, ताकि घास में आने वाले सांपों से बचा जा सके। लोगों का कहना है कि क्वार्टरों की हालत दयनीय हो चुकी है और इसके साथ ही स्ट्रीट लाईटों का भी बुरा हाल है। क्वार्टरों में रहने वाले मुलाजिमों का कहना है कि किराया वसूली के साथ-साथ बीएसएनएल प्रबंधन को क्वार्टरों में सुविधा भी मुहैया करवानी चाहिए, ताकि लोगों को सहूलियत हो सके।


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