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अब बीआरटीएस के कोरिडोर में एक साथ दौड़ेगी मैट्रो और सिटी बस

विपिन कुमार राणा, अमृतसर बस रेपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम यानी बीआरटीएस के कोरिडोर में अब

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 15 May 2017 03:00 AM (IST)
अब बीआरटीएस के कोरिडोर में एक साथ दौड़ेगी मैट्रो और सिटी बस
अब बीआरटीएस के कोरिडोर में एक साथ दौड़ेगी मैट्रो और सिटी बस

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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बस रेपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम यानी बीआरटीएस के कोरिडोर में अब मैट्रो ही नहीं सिटी बसें भी रफ्तार पकड़ेंगी। निकायमंत्री नजवोत ¨सह सिद्धू और वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल के नेतृत्व में स्थानीय विधायकों, अधिकारियों की हुई संयुक्त बैठक में ये निर्णय लिया गया। आपसी बातचीत में ये सहमति बनी है कि दोनों प्रोजेक्टों को रफ्तार देने के लिए इन्हें संयुक्त रूप से पब्लिक प्राइवेट पाटीसिपेशन के आधार पर चलाया जाएगा। इसके बकायदा रुट तय होंगे, सिटी के सटे रुरल के रुट इसमें शामिल किए जाएंगे और हर रुट पर चलने वाली बस को एक क्लर की पट्टी लगाकर चिन्हित किया जाएगा।

रणजीत एवेन्यू स्थित नगर निगम कार्यालय में सुबह पौने 11 बजे शुरू हुई मी¨टग 1 बजे तक चली। बैठक में सांसद गुरजीत ¨सह औजला, विधायक ओपी सोनी, डॉ. राजकुमार, सुनील दत्ती, इंद्रबीर ¨सह बुलारिया से प्रोजेक्ट व ट्रैफिक मैनेजमेंट की बाबत तय ली गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रोजेक्ट के संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर को छह माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा हर 15 दिन बाद सभी विधायक प्रोजेक्ट का रिव्यू करते हुए आगे की रणनीति बनाएंगे। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की वजह से पड़ने वाले घाटे से उभरने के लिए अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड का गठन करने पर भी सहमति बनी है। बैठक में डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा, नगर निगम कमिश्नर गुरलवलीन ¨सह सिद्धू, ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा, अलका आदि उपस्थित थे।

बंद पड़ी सिटी बस, 12 मैट्रो बसें सड़क पर

2013 में शुरू हुई सिटी बस सर्विस की 60 बसें फरवरी 2017 से बंद पड़ी हुई है। 46 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात दिलवाने की बड़ी जिम्मेदारी थी, पर ये बसें वैध ऑटोज की मार न झेलते हुए बंद हो गई। ऐसा ही हाल 15 दिसंबर 2016 में शुरू की गई मैट्रो बस का हुआ। हाल ही में डीजल के 25 लाख के बिलों का भुगतान न कर पाने की वजह से 25 अप्रैल से ये बसें बंद थी, जो 6 मई को शुरू हुई है। प्रोजेक्ट के तहत 93 एसी बसें सड़क पर उतारी जानी है, जिसमें से अभी 60 बसें आ चुकी है और वे वेरका बाईपास के बस टर्मिनल में खड़ी है।

बादलों का राजनीतिक स्टंट था प्रोजेक्ट

सिद्धू ने कहा कि पिछली बादल सरकार ने बिना प्रॉपर योजना के बीआरटीएस प्रोजेक्ट शुरू किया। यह प्रोजेक्ट बादलों का राजनीतिक स्टंट था। इसमें बहुत खामिया है। इसके चलते ये कामयाब नहीं हो पाया। यह प्रोजेक्ट लगभग 600 करोड़ रुपये का था। इसमें चार सौ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बादल सरकार ने प्रोजेक्ट को पूरा किए बिना ही शुरू कर दिया, जिसकी वजह से यह बुरी तरह फेल हो गया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रोजेक्ट को कामयाब किया जाए, ताकि इस पर खर्च हुआ 400 करोड़ रुपये व्यर्थ न जाए।

विकल्प देंगे ट्रैफिक जाम से निजात

सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ने अमृतसर को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलवाने के लिए एक योजना बनाई है। सभी विधायकों की सलाह से ये फैसला हुआ है कि ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए गुरुद्वारा शहीदा साहिब के आगे अंडर ब्रिज बनाया जाएगा। जौड़ा फाटक के अंडर ब्रिज के अलावा आरओबी का निर्माण करवाया जाएगा। हाल गेट से खजाना गेट तक एलीवेटिड रोड बनाने, झब्बाल रोड से वल्ला रोड तक वाया बोहडू सड़क बनाने, मौजूदा बस स्टैंड को लोकल ट्रांसपोर्ट के लिए प्रयोग कर बाहर से आने वाली बसों के लिए शहर से बाहर बस अड्डा बनाने पर भी सहमति बनी। डीसी इस बाबत 15 दिनों में अपनी स्टडी रिपोर्ट लोगों से विचार सौंपेंगे।

संसदीय निधि से लगेंगे 10 लाख पौधे

सिद्धू ने कहा कि अमृतसर शहर को हराभरा बनाने के लिए इस सीजन में 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधे लगाने के लिए सांसद गुरजीत ¨सह औजला ने पचास लाख रुपये की ग्रांट अपने संसदीय फंड से देने का ऐलान किया है। नई नीति के तहत अब हर घर का नक्शा पास करवाने के अवसर पर मकान मालिक दो पौधे लगाने का वायदा करेगा। अपने मकान में रेन वाटर हारवे¨स्टग से पानी को जमीन में ले जाने का प्रबंध भी करेगा। इस संबंधी डीसी की अगवाई में एक कमेटी का गठन किया गया है। जो इसको लागू करने के लिए काम करेगी।

100-200 एकड़ में बनेंगे डंप

सिद्धू ने कहा कि प्रदेश में शहरों के कूड़े कर्कट की समस्या को हल करने के लिए सॉलेड वेस्ट मैनेजमेंट को शुरू किया जाएगा। इस समय प्रदेश के एक भी शहर में ये प्रोजेक्ट प्रॉपर नहीं चल रहा है। अमृतसर, ब¨ठडा, जालंधर शहर के लिए ऐसे प्रोजेक्टों की स्थापना के लिए प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ऐसे प्रोजेक्ट के लिए 100 से 200 एकड़ जमीन का प्रबंध करेगी, ताकि अगले पचास साल तक कूड़े की समस्या का पक्का हल हो सके। सरकार की ओर से शहर के सीवरेज की सफाई के लिए विशेष मशीनों के लिए भी कांट्रैक्ट किया जा रहा है। शुक्रवार को सॉलिड वेस्ट को लेकर स्थानीय विधायकों से बैठक भी होगी।

बीआरटीएम में घोटाले के भी आरोप

आरटीआई एक्टीविस्ट सुरेश कुमार शर्मा ने बीआरटीएस प्रोजेक्ट में बरती गई अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू को भी दी। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के मुताबिक सीधा-सीधा 15 करोड़ 50 लाख रुपये का चूना लगाया गया है। उनके आरोप इस प्रकार हैं।

- प्रोजेक्ट के तहत 100 एमएम लुक पड़नी थी, 25 एमएम बीटुमन कम डाली गई, 8850 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर के रेट के हिसाब से 12 करोड़ 97 लाख रुपये का काम नहीं हुआ।

- प्रोजेक्ट के तहत जो ग्रिल लगाई गई है उसका वजन 2.5 किलोग्राम प्रति मीटर कम है। एक मीटर ग्रिल का औसत वजन 17.5 मीटर होना चाहिए था, जो 15 किलोग्राम है। 136500 किलोग्राम वजन कम लगाया गया, जिससे 1 करोड़ 45 लाख की चपत है।

- प्रोजेक्ट के तहत सड़क के बीच बनाए गए डिवाइडर की ग्रिल के नीचे 150 एमएम पीसीसी डाली जानी थी, जो डाली नहीं गई। इससे भी 1 करोड़ 44 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

- प्रोजेक्ट के बस स्टॉप पर विज्ञापन और बस स्टेशन का नाम लिखने के लिए 1000 रुपये स्केयर मीटर वाली एक्रेलिक शीट लगाई जानी थी, पर उसकी जगह पर 60 रुपये स्केयर मीटर वाली फ्लैस शीट लगाई गई है।

- बस स्टॉपेज पर तीन—तीन दरवाजे लगाए जाने थे, पर वहां दो दो दरवाजे ही लगाए गए है।


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