गुरुद्वारा छेहरटा साहिब में उमड़ा आस्था का सैलाब
अमृतसर) गुरुद्वारा श्री छेहरटा साहिब में बसंत पंचमी जोड़ मेले में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
-श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में डुबकी लगा गुरु घर का आशीर्वाद लिया
-जगह जगह लगाए गए थे लंगर, बच्चों के लिए झूले बने आकर्षण का केंद्र
़फोटो: 15 से 18 तक
संवाद सहयोगी, छेहरटा (अमृतसर)
गुरुद्वारा श्री छेहरटा साहिब में बसंत पंचमी जोड़ मेले में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में संगत ने माथा टेक कर सुख-शांति की अरदास की। छेहरटा चौक में गुरुद्वारा साहिब का डेढ़ किलोमीटर का रास्ता श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। बाजार में पैर रखने की जगह नहीं थी। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्रद्धालुओं के वाहनों को गुरुद्वारा से दूर ही खड़ा किए जाने के विशेष प्रबंध किए थे। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सड़क पर जाम का कारण बन रही थी जिस कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष नतमस्तक होने के लिए दोनों प्रवेश द्वारों पर श्रद्धालुओं का सैलाब था। गुरुद्वारा साहिब के पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष शीश नवाकर गुरु घर का आशीर्वाद पाया। गुरुद्वारा साहिब में सजाए गए दीवान में रागी जत्थे कीर्तन कर रहे थे।
जोड़ मेले में बच्चों ने मनपसंद वस्तुएं खरीदीं। इसके अलावा खानपान के स्टाल में काफी भीड़ देखने को मिली। खेतों में लगाए गए किश्ती, चरखी झूला, ¨सदबाद के साथ-साथ छोटे झूले मेले में आकर्षण का केंद्र थे।
उधर, छेहरटा साहिब चौक से गुरुद्वारा साहिब को आने वाले रास्ते को वनवे कर दिया गया। इसके बावजूद भीड़ अनियंत्रित हो रही थी। रोड पर जाम बरकरार था। तीन पार्किंग स्थल किए गए थे निर्धारित
गुरुद्वारा साहब के मैनेजर साहिब लाल ¨सह ने बताया कि यातायात समस्या से निपटने के लिए पहले से ही प्रबंध कर लिए गए थे। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब से लगभग 500 मीटर की दूरी पर ही पार्किंग स्थल निर्धारित कर दिए गए थे। जहां पर श्रद्धालु अपने वाहन खड़े कर पैदल ही गुरुद्वारा साहिब में दाखिल हो सकते हैं । यह पार्किंग स्थल गांधी आश्रम , सन साहिब रोड व गुरुद्वारा कैंपस के भीतर बनाए गए थे। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस का उन्हें किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है।
मन्नत हुई पूरी, बजाया बैंड
बेटे की मन्नत पूरी होने पर कई अभिभावक अपने रिश्तेदारों के साथ गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए पहुंचे थे। उनके साथ कई बैंड बाजा पार्टियां थी जो मेले की रौनक को बढ़ा रही थीं। बेटे की दात गुरुघर से पूरी होने पर हरबीर ¨सह व दल¨जदर ने बताया कि उन्हें गुरु घर से असीम खुशियां मिली हैं। इसलिए वह बैंड बाजे के साथ माथा टेकने आए हैं। चाइनीज डोर ने फीका किया पतंगबाजी का मजा
बसंत पंचमी के दिन पतंगबाजी का अलग ही मजा होता था। पतंगबाजी के शौकीन सारा दिन छेहरटा साहिब गुरुद्वारा के समीप खेतों में पतंग उड़ाते और पेंच लड़ाते थे। मगर इस बार बसंत पंचमी पर पतंगबाजी की चमक फीकी रही। चाइनीज डोर के कारण लोगों ने पतंगबाजरी से परहेज किया। यदि किसी पतंग की डोर मेले में किसी श्रद्धालु पर पड़ जाती तो लोग उससे दूर हो जाते। उसके बावजूद लोग खेतों में पतंगबाजी का लुत्फ ले रहे थे।
लंगर में कई क्विंटल अनाज की हुई खपत
गुरुद्वारा छेहरटा साहिब के मैनेजर साहिब लाल ¨सह ने बताया कि बसंत पंचमी जोड़ मेले में पिछले साल की अपेक्षा अधिक रौनक देखने को मिली। उन्होंने कई क्विंटल अनाज की व्यवस्था कर रखी है। इससे संगत को लंगर में कमी नहीं आएगी। वहीं बाहर संगत ने अपने स्तर पर भी पकौड़ों, चाय, खीर , गन्ने के रस का लंगर लगा रखा था। बसंती पंचमी के अवसर पर लगाए गए लंगर में 12 क्विंटल दाल, चार किलो बेसन व 50 क्विंटल आटे, 25 क्विंटल चावल की खपत हुई है। गुरु घर की गोलक में दानी सज्जनों से लाखों रुपये की सेवा होने की संभावना है। गिनती के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।