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माइक्रो कंटेनमेंट जोन का सच, बेरिकेड लगाने के बाजय कपड़े सुखाने वाली रस्सी बांधकर रोका रास्ता

केंद्रीय टीम को व्यवस्था दिखाने के लिए प्रशासन ने पत्ती जैलदार में देबी वाला बाजार स्थित माइक्रो कंटेनमेंट जोन में बारीक प्लास्टिक की रस्सी बांधकर अवरोध खड़ा किया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 07:30 AM (IST)
माइक्रो कंटेनमेंट जोन का सच, बेरिकेड लगाने के बाजय कपड़े सुखाने वाली रस्सी बांधकर रोका रास्ता
माइक्रो कंटेनमेंट जोन का सच, बेरिकेड लगाने के बाजय कपड़े सुखाने वाली रस्सी बांधकर रोका रास्ता

नितिन धीमान, अमृतसर

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जिले में कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतनी शक्तिशाली ढंग से क्यों बढ़ी? स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद संक्रमितों की मृत्यु दर क्यों नहीं थम रही? इन सवालों के जवाब जानने व कारणों की पड़ताल करने के लिए केंद्रीय टीम ने दूसरे दिन ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख किया। केंद्रीय टीम को व्यवस्था दिखाने के लिए प्रशासन ने पत्ती जैलदार में देबी वाला बाजार स्थित माइक्रो कंटेनमेंट जोन में बारीक प्लास्टिक की रस्सी बांधकर अवरोध खड़ा किया था।

अमूमन ऐसी रस्सी का प्रयोग बोरे बांधने या फिर कपड़े सुखाने में किया जाता है। रस्सी के समीप दो पुलिस मुलाजिम तैनात किए गए थे जो इस ओर आने वाले लोगों को सख्ती से दूसरी साइड निकलने को कह रहे थे। यह वही जोन है जहां टीम के आने से पहले पुलिस तो क्या, रस्सी का अवरोधक भी नहीं था। लोग लापरवाही से अंदर आ जा रहे थे। पुलिस ने केंद्रीय टीम को दिखाने के लिए यह बेहद प्रभावी' व्यवस्था की थी। हालांकि टीम ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया। वह माइक्रो कंटेनमेंट जोन में गई और कुछ घरों में जाकर कोरोना संक्रमितों की पूछ पड़ताल कर लौट आई। नियमों का नहीं हो रहा पालन

नियमानुसार माइक्रो कंटेनमेंट जोन में लोहे के बेरिकेड लगे होने चाहिए। इस एरिया में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को बाहर निकलने की आज्ञा नहीं होती। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकला जा सकता है। वेरका के देबी वाला बाजार के अलावा शहर के 12 माइक्रो कंटेनमेंट जोन में तकरीबन ऐसी ही स्थिति है। यही वजह है कि कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक तरीके से बढ़ रही है। फोर्टिस अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड का लिया जायजा

केंद्रीय टीम में शामिल आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ के डायरेक्टर डा. आरएन सिन्हा, पीजीआइ के प्रोफेसर डा. आशुतोष ने इससे पूर्व फोर्टिस अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। अस्पताल के डाक्टरों व संक्रमित मरीजों से बातचीत कर व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने निर्देश दिया कि कोविड वार्ड में नान कोविड पेशेंट किसी भी सूरत में दाखिल न होने पाए। वेरका के सीएचसी में टीकाकरण का किया निरीक्षण

टीम वेरका स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में भी गई। वहां टीकाकरण की प्रकिया का जायजा लिया और संतुष्टि व्यक्त की। इसके बाद सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह से बैठक कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। टीम ने सिविल सर्जन से कहा कि कांटैक्ट ट्रेसिग व सैंपलिग और बढ़ाई जाए। डा. चरणजीत ने कहा कि वह इसका पालन कर रहे हैं। हालांकि कई जगह लोग अभी भी मास्क नहीं पहन रहे और ना शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर रहे।


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