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अब अधिकृत आर्किटेक्ट पास कर सकेंगे नक्शा

नगर निगम के एमटीपी विभाग में नक्शों के नाम पर चलने वाला घालमेल का खेल किसी से छिपा नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 10:58 PM (IST)
अब अधिकृत आर्किटेक्ट पास कर सकेंगे नक्शा
अब अधिकृत आर्किटेक्ट पास कर सकेंगे नक्शा

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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नगर निगम के एमटीपी विभाग में नक्शों के नाम पर चलने वाला घालमेल का खेल किसी से छिपा नहीं है। स्थानीय निकाय विभाग ने अब नोटिफिकेशन जारी कर 500 स्क्वेयर मीटर तक के रिहायशी या कामर्शियल प्लाट का नक्शा जारी करने के अधिकार निगम की सूची में रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट को दे दिए हैं। इससे काम में जहां पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं एमटीपी विभाग भी अपने कोर काम यानी बिल्डिगों की चेकिग व अवैध निर्माणों पर नकेल कस सकेगा।

नोटिफिकेशन के मुताबिक आर्किटेक्ट बिल्डिग प्लान के सेल्फ सर्टिफिकेशन के तहत 500 स्क्वेयर मीटर तक के रिहायशी या कामर्शियल प्लाट और 15 मीटर से लेकर 17.5 मीटर ऊंचाई और ढाई मीटर स्टिल्ट पार्किंग होने की सूरत में आर्किटेक्ट नक्शा जारी करेगा। इंडस्ट्रियल बिल्डिग के लिए प्लाट के साइज और बिल्डिग की हाइट को लेकर कोई बंदिश नहीं रखी गई है। एमटीपी विभाग के पास वर्तमान में पांच सौ के लगभग आर्किटेक्ट रजिस्टर्ड हैं, जो भविष्य में नक्शों का काम देख सकेंगे। वर्तमान में विभाग के पास 110 के लगभग नक्शे पेडिग हैं। प्रतिदिन चार से पांच नक्शों की औसत से विभाग के पास नक्शे पास होने के लिए आते हैं। पहले पचीदा और लंबा चौड़ा था सिस्टम

पूर्व की बात करें तो मैनुअल सिस्टम में बिल्डिग इंस्पेक्टर की ओर से साइट रिपोर्ट देने के बाद ड्राफ्टमेन, हेड ड्राफ्टमेन, एटीपी रिपोर्ट करता था। रिहायशी नक्शा एमटीपी के स्तर पर पास हो जाता था। 500 गज से नीचे कामर्शियल नक्शा पास करने की पावर निगम कमिश्नर के पास थी। इसके बाद नक्शा आवेदन के लिए आनलाइन सिस्टम लागू किया गया। इसमें आर्किटेक्ट नक्शा आनलाइन अपलोड करता था। स्क्रूटनी सिस्टम के तहत नक्शा आवेदन चेक किया जाता था, जिसमें नक्शा ठीक पाए जाने पर बिल्डिग इंस्पेक्टर के लागइन में आता था और फिर ड्राफ्टमेन, एटीपी और एमटीपी के लागइन में चला जाता था। इसमें भी रिहायशी नक्शा एमटीपी और कमर्शियल 500 गज तक के निगम कमिश्नर के स्तर पर पास होते थे। स्टाफ की कमी से जूझ रहा एमटीपी विभाग

एमटीपी विभाग पहले ही निर्माणों व अवैध निर्माणों को लेकर काफी उलझा हुआ है। विभाग के पास स्टाफ की भी खासी कमी है और नक्शों को लेकर तो फाइल दबाने तक के आरोप विभाग पर लगते रहे हैं। विभाग के पास पांच एटीपीज हैं, जबकि बीस बिल्डिग इंस्पेक्टरों की जगह मात्र 10 ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा छह की जगह दो ड्राफ्टमेन हैं। ऐसे में आर्किटेक्ट को नक्शे के अधिकार दिए जाने के बाद कम से कम लोगों को नक्शों को लेकर लेटलतीफी से भी निजात मिलेगी और उन्हें बिना वजह विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। स्थानीय निकाय विभाग ने पांच सौ स्क्वेयर मीटर तक के रिहायशी व कामर्शियल नक्शे पास करने के अधिकार अधिकृत आर्किटेक्ट को दिए हैं। निगम के पास इस समय पांच सौ के लगभग आर्किटेक्ट रजिस्टर्ड हैं। इससे विभाग का काम सुगम होगा और विभाग का ज्यादा फोकस बिल्डिग बायलाज को लागू करवाने में रहेगा। विभाग के पास स्टाफ की कमी होने की वजह से भी इस सिस्टम का लाभ मिलेगा।

- नरेंद्र शर्मा, एमटीपी नगर निगम


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