अमृतसर हमला: प्रत्यक्षदर्शियों के बताए हुलिये से मिला सुराग, बॉर्डर एरिया के ही निकले आतंकी
पुलिस आैर खुफिया एजेंसी प्रत्यक्षदर्शियों द्वाारा बताए गए हुलिया के आधार पर अदलीवाल गांव में हमला करने वाले आतंकी बिक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह पहुंची।
अमृतसर, [नवीन राजपूत]। जिले के अदलीवाल गांव के निरंकारी भवन पर ग्रेनेड से हमला करने वाले आतंकी बिक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह बॉर्डर एरिया के गांवों के ही रहने वाले हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बताए हुलिये से उनका सुराग मिला। बिक्रमजीत सिंह अजनाला के धारीवाल का और अवतारसिंह लोपोके के चक मिश्री खां का रहने वाला है। ग्रेनेड हमले के एक दिन बाद ही जागरण ने उनके आसपास के होने की आशंका व्यक्त की थी। हमला करने वाले आखिर सीमा क्षेत्र के ही निकले। वे पूरे इलाके से अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
मुख्य रास्ते पर भागने की बजाए गांवों की तरफ फरार होने से ही मिल रहे थे स्थानीय होने के संकेत
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपितों ने मुख्य मार्ग पकड़कर भागने की बजाएं गावों की तरफ फरार होना ही उचित समझा था। बताया जा रहा है कि पुलिस को घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आतंकियों के कुछ हुलिये बताए थे। हालांकि दोनों आतंकियों ने चेहरे ढके हुए थे। उन्होंने लोई की बुक्कल ओढ़ रखी थी। इस कारण उनकी ज्यादा शिनाख्त कर पाना आसान नहीं था, लेकिन पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों से हमलावरों की आवाज और हुलिये के बारे में जानकारी ले ली थी। उक्त सुराग पर काम करते हुए पुलिस ने आसपास के गांवों में रहने वाले बिक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह की पहचान कर ली।
शिनाख्त परेड हुई सफल
पुलिस ने निरंकारी भवन में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों से पकड़े गए बिक्रमजीत सिंह की शिनाख्त परेड भी करवा ली है। इसमें उसकी आवाज और चेहरे की पुष्टि कराई जा चुकी है। अब पुलिस अवतार सिंह और उसके गिरोह के अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है।
लखबीर रोडे व हरमीत पीचएडी के आतंकी जाल का भी किया था खुलासा
खालिस्तानी समर्थक और आइएसआइ के इशारे पर काम करने वाले लखबीर सिंह रोडे और हरमीत सिंह पीएचडी के पंजाब में फैलाए जाने वाले आतंक का भी जागरण ने पहले दिन ही खुलासा कर दिया था। बता दिया गया था कि दोनों हमलावरों ने अपने गुर्गों को पाकिस्तान बॉर्डर के साथ सटे गांवों में एक्टिव कर दिया है।
खुफिया शाखा ने निभाई अहम भूमिका
पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा के गुप्तचरों ने हमलावरों की शिनाख्त, उनके गांवों का पता लगाने में अहम भूमिका निभाई है। बताया जा रहा है कि पर्दे के पीछे काम करने वाली गुप्तचर शाखा के अफसरों को सरकार इनाम देने जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि आतंकियों के पास और कितने ग्रेनेड हैं।
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आरएमपी चिकित्सक है दूसरा हमलावर अवतार सिंह
अजनाला (अमृतसर): निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमले का दूसरा आरोपित लोपोके के चक मिश्री गांव का रहने अवतार सिंह आरएमपी डॉक्टर है और गांव में ही क्लीनिक चलाता है। लोगों ने बताया कि अवतार और उसके पिता शुरू से ही अलगाववादी विचारधारा को समर्थन करते हैं। आरोपित अवतार सत्कार कमेटी का सदस्य भी रह चुका है और कई बार पाकिस्तान जाने का प्रयास कर चुका है। मीडिया कर्मी जब अवतार सिंह घर में पहुंचे, तो घर में कोई नहीं था। सारा घर खुला था और परिवार के सदस्य गायब हो चुके थे। खुफिया एजेंसियों के लोग और पुलिसकर्मी गांव के लोगों से अवतार और उसके परिवार के सदस्यों का ब्योरा एकत्र कर रहे थे।
आसपास के लोग बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही आशंका थी कि अवतार आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सकता है। क्योंकि वह अपने व्यवहार और गर्मख्याली बातों को लेकर शुरू से ही ही विवादों में रहा है। उसके आचरण के चलते गांव के लोग भी उससे बात करने से कतराते थे। ज्यादातर वह निहंग के बाणे में रहता था। कुछ दिनों से अवतार ङ्क्षसह अपने क्लीनिक और गांव में कम ही दिखाई दे रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह गांव से बाहर गया हुआ है, लेकिन सोमवार की रात सारा खुलासा हो गया कि निरंकारी भवन पर हमले में अवतार ङ्क्षसह का हाथ है।
घर में भिंडरावाला का पोस्टर
जब लोग उसके घर में पहुंचे तो घर में जरनैल सिंह भिंडरावाला का पोस्टर अलमारी पर लगे हुए थे। घर में मां, पिता, पत्नी और दो बच्चियां गायब हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि धमाका करने के बाद अवतार सिंह ने अपने परिवार को घर छोड़ देने के लिए संदेश भेज दिया था।