अटारी बॉर्डर पर जोश रहा हाई, बिना दर्शकों के हुआ स्वतंत्रता दिवस समारोह व रिट्रीट सेरेमनी
पहली बार अटारी बॉर्डर पर स्वतंत्रता दिवस समाराेह बिना दर्शक के हुआ। इस कारण समाराेह सूना-सूना रहा। इसके साथ ही शाम में भी बिना दर्शकोंं के रिट्रीट सेरेमनी हुई।
अटारी (अमृतसर), जेएनएन/एएनआइ। अटारी की ज्वाइंट चेक पोस्ट ( जेसीपी) पर होने वाले जश्न ए आजादी कार्यक्रम हमेशा ही देशभक्ति के जज्बे से लबरेज रहा है। भारत माता की जय के गगनभेदी जयघोष, हर तरफ गुंजायमान वंदेमातरम और ढोल की थाप पर 'यह देश है वीर जवानों का'गीत पर झूमती लोगों की टोलियां समारोह में रंग मचाती रही है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं था। 7 मार्च को कोरोना वायरस कोविड-19 की वजह से यहां दर्शकों के ओन पर रोक के कारण इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह सूना सा रहा। इसके बाद शाम को रिट्रीट सेरेमनी भी बिना दर्शकों के संपन्न हुआ।
#WATCH Beating retreat ceremony at the Attari-Wagah border on #IndependenceDay. pic.twitter.com/CLraI63bDo
— ANI (@ANI) August 15, 2020
कोविड-19 की वजह से 7 मार्च से लोगों के आने पर रोक लगी है
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक एसएस देसवाल ने देश के 74 में स्वतंत्रता दिवस पर जेसीपी पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया। बीएसएफ के जवानों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी थी। उन्होंने बीएसएफ के अधिकारियों और जवानों को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हर वक्त तैयार रहने को कहा। डीजी देसवाल ने अधिकारियों और जवानों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बधाई और शुभकामनाएं दीं l इस अवसर पर बीएसएफ के एडीजी सुरेंद्र परमार, पंजाब फ्रंटियर के आइजी महिपाल यादव और डीआइजी सेक्टर हेड क्वार्टर भूपेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे
शाम को अटारी बॉर्डर पर बिना दर्शकों की मौजूदगी के रिट्रीट सेरेमनी हुई। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों का जोश हाई दिखा। उन्होंने देशभक्ति पूर्ण कार्यक्रम पेश किए। इस दौरान पाकिस्तान में भी यह रस्म हुई। समारोह पूर्वक दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज ससम्मान उतारे गए। इस दौरान मीडिया को आने की अनुमति दी गई। पाकिस्तान की ओर कोई समारोह तो नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तानी जवानों ने भी ध्वज उतारने कीह रस्म निभाई। रिट्रीट सेरेमनी के दौरान भारतीय जवानों में गजब का जोश दिखा।
#WATCH Beating retreat ceremony underway at the Attari-Wagah border on #IndependenceDay. pic.twitter.com/lXedR0AR34— ANI (@ANI) August 15, 2020
1959 में शुरू हुई थी रिट्रीट सेरेमनी
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत वर्ष 1959 में शुरू की गई थी। यह हर रोज शाम को दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज समारोह के साथ उतारे जाते थे। इसमें भारत से बीएसएफ के जवान और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स शामिल होते हैं। दोनों देशों के हजारों लोग पहुंचते हैं और अपने जवानों का जोश बढ़ाने के लिए देशभक्ति के नारे लगाते हैं। रिट्रीट सेरेमनी 156 सेकेंड की होती है। इसके बाद दोनों देशों की सीमा पर बने गेट फिर बंद कर दिए जाते हैं।
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कब-कब बंद हुई रिट्रीट सेरेमनी
- 1965 में भारत और पाक के बीच युद्ध के दौरान रिट्रीट सेरेमनी को पहली बार रद किया गया।
- 1971 में भारत और पाक के बीच फिर युद्ध हुआ और बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को रद किया गया।
- 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी रिट्रीट सेरेमनी को रद किया गया।
- दिसंबर 2014 को पाक की ओर वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद रिट्रीट सेरेमनी रद की गई।
- सितंबर 2016 में उड़ी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त भी सेरेमनी को रद किया गया।
- 1 मार्च 2019 को पाकिस्तान की ओर से विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के समय रिट्रीट सेरेमनी रद की गई।
- 7 मार्च 2020 को कोरोना वायरस के बाद से ही रिट्रीट सेरेमनी बंद है।
- 15 अगस्त 2020 को बिना दर्शकों के बिना हुई रिट्रीट सेरेमनी हुई।