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चोरी की दस लग्जरी कारों सहित एक गिरफ्तार

पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपित को रविवार देर रात गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 12:18 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 06:07 AM (IST)
चोरी की दस लग्जरी कारों सहित एक गिरफ्तार
चोरी की दस लग्जरी कारों सहित एक गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, अमृतसर : कैंटोनमेंट थाने की पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपित को रविवार देर रात गिरफ्तार किया है। गिरोह के दो सदस्य पुलिस को गच्चा देकर घटनास्थल से फरार हो गए। बाद में पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर दस लग्जरी कारें बरामद की हैं। इनकी कीमत 1.38 करोड़ रुपये आंकी गई है। डीसीपी मुखविदर सिंह ने बताया कि गिरोह में 12 के करीब युवक शामिल हैं, जो पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के शहरों से महंगी कारें चोरी कर रहे थे। पूछताछ में चोरी की कई वारदातें हल होने का अनुमान है।

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कैंटोनमेंट थाने में सोमवार की शाम आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डीसीपी मुखविदर सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि काले घनुपुर गांव निवासी हरजोत सिंह, गुरु हरगोबिद एवेन्यू स्थित टावर वाली गली निवासी हिम्मत सिंह और चौगावां निवासी दीप सिंह इलाके में वाहन चोरी करते हैं। इसी आधार पर कैंटोनमेंट थाने की पुलिस ने पुतलीघर इलाके में नाकाबंदी कर ग्रे रंग की इनोवा को रुकने का इशारा किया। कार रुकते ही हिम्मत सिंह और दीप सिंह फरार हो गए, जबकि पुलिस ने हरजोत सिंह को काबू कर लिया। जांच की गई तो पता चला कि आरोपितों ने इनोवा पर बाइक का नंबर लगा रखा है। सख्ती से पूछताछ की गई तो हरजोत सिंह की निशानदेही पर शहर के अलग-अलग हिस्सों से नौ लग्जरी कारें बरामद की गईं। पुलिस ने बताया कि आरोपित ने स्वीकार किया है कि उसने गिरोह के 12 से ज्यादा सदस्यों के साथ अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह बना रखा है। बरामद की गई कारों में दो फा‌र्च्यूनर, तीन इनोवा, एक बलेनो, एक करेटा, एक स्विफ्ट, एक स्कार्पियो, एक इंडेवर हैं। जहाजगढ़ से खरीदते थे डैमेज वाहनों की रजिस्ट्रेशन कापी डीसीपी मुखविदर सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि आरोपितों की जहाजगढ़ के कुछ कबाड़ियों से अच्छी सेटिग थी। वह महीने में दो बार जहाजगढ़ का चक्कर लगाते थे और वहां कंडम वाहनों को देखकर उनकी रजिस्ट्रेशन (आरसी) कुछ रुपये देकर खरीद लेते थे। उन कंडम वाहनों का नंबर चोरी की कारों पर लगाते थे। पुलिस ने बताया कि जांच की जा रही है कि सारे मामले में आरटीओ का कोई क्लर्क या फिर किसी अधिकारी का भागीदारी तो नहीं है।


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