सिद्धू परिवार के करीबी मिट्ठू मदान की फिर बढ़ी मुश्किलें
अमृतसर जौड़ा फाटक धोबीघाट मैदान में आयोजित दशहरा समारोह के दौरान हुए रेल हादसे की मैजिस्टेटरी जाच में कटघरे में आए दशहरा कमेटी ईस्ट के प्रधान व आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
जौड़ा फाटक धोबीघाट मैदान में आयोजित दशहरा समारोह के दौरान हुए रेल हादसे की मैजिस्टेटरी जाच में कटघरे में आए दशहरा कमेटी ईस्ट के प्रधान व आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। भले ही वह सिद्धू परिवार के खासमखास लोगों में से भी च्खासच् है लेकिन ये नजदीकिया भी उसे बचा नहीं पाएंगी। रेलवे के गेटमैन सिहत मिट्ठू पर भी रेल हादसे में कार्रवाई होगी।
कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पूर्व संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के साथ वायरल हुई मिट्ठू की तस्वीरों और उसका पाकिस्तान से लौटे कैबिनेट मंत्री सिद्धू को अटारी बार्डर पर रिसीव करने के बाद उनकी गाड़ी में बैठकर आने साफ करता है कि वह सिद्धू परिवार के साथ कितनी नजदाकिया रखता है। करतारपुर कॉरिडोर के पाकिस्तान में हुए नींव पत्थर कार्यक्त्रम में शामिल हो अटारी बार्डर पर लौटे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिह सिद्धू को रिसीव करने खुद मिट्ठू वहा पहुंचा था। परंतु ये नजदीकिया उसे रेल हादसे की जाच में भी बचा नहीं पाईं। अब उसे इस मामले में आरोपित बनाया जाएगा।
बता दें कि मिट्ठू वार्ड नंबर 29 की पार्षद विजय मदान के बेटा और यूथ काग्रेस का महासचिव है। काग्रेस के आला नेताओं के साथ उसके अच्छे संबंध है। कैनिबेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के काग्रेस में आने के बाद मिट्ठू उनके संपर्क में आया और महिला आरक्षित वार्ड होने की वजह से अपनी माता जी को सिद्धू के जरिये टिकट दिलवाने में सफल रहा। उसने दशहरा मेले का आयोजन धोबीघाट मैदान में किया और डीसीपी पुलिस को भेजे गए पत्र में उसने साफ कहा कि इसमें कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और डा. नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि है। 19 अक्टूबर को हुए हादसे के बाद वह भूमिगत हो गए था और 22 अक्टूबर को मिट्ठू ने अपना वीडियो अपलोड करते हुए अपनी स्थित स्पष्ट की। वीडियो में जो स्टेटमेंट उसने दी, वहीं स्टेटमेंट रेल हादसे को लेकर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और डा. नवजोत कौर सिद्धू देते रहे। मलिक के केस में सिद्धू ने बचाया था मिट्ठू को
29 जुलाई को सिद्धू पर की गई सियासी टिप्पणी को अभद्र करार देते हुए मिट्ठू मदान ने अपने समर्थकों सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक का घेराव किया था। मलिक अपनी कोठी की बेक साइड से निकले तो यूथ काग्रेसी उनके पीछे भागे। मलिक का आरोप था मिट्ठू के नेतृत्व में काग्रेसियों ने तलवारें व लाठिया पकड़ी हुई थी और वह उन्हें जान से मारने की नीयत से ही आए थे। मलिक ने इसकी शिकायत डीजीपी पंजाब और पुलिस कमिश्नर से की थी। बताया जाता है कि सिद्धू के दबाव में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।