पवन की मौत से टूट गई बूढ़े मां-बाप की लाठी
अमृतसर भूषणपुरा निवासी पवन लूथरा और उसका भाई पंकज लूथरा मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी थे, लेकिन वीरवार की सुबह जालंधर में हुए हादसे में पवन के मारे जाने के बाद बेचारे बुजुर्गों की लाठी कमजोर हो गई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
भूषणपुरा निवासी पवन लूथरा और उसका भाई पंकज लूथरा मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी थे, लेकिन वीरवार की सुबह जालंधर में हुए हादसे में पवन के मारे जाने के बाद बेचारे बुजुर्गों की लाठी कमजोर हो गई। अब परिवार पालने का बोझ पंकज पर आन पड़ा है। पिता दीपक की बीमारी के चलते पंकज एक मेडिकल स्टोर पर काम कर रहा है और पवन एक टेलीकाम कंपनी में तैनात था। कुछ समय पहले मां ज्योति और पिता दीपक ने परिवार में बड़े बेटे पवन की शादी वर्षा से कर दी थी। शादी के बाद एक बच्ची ने जन्म लिया। लेकिन उसका दिल पूरी तरह से काम नहीं कर रहा था। जब परिवार को नवजात बच्ची की उक्त नामुराद बीमारी के बारे में पता चला तो उनपर मुसीबतों का फिर से पहाड़ टूट पड़ा। क्योंकि परिवार में पिता पहले से बीमार चल रहे थे। लगातार सेहत ठीक नहीं रहने के कारण पिता को कहीं काम भी नहीं मिल रहा था। ऊपर से बेटी अनन्या को इलाज के लिए महीने में दो बार पीजीआई लेकर जाना कठिन हो रहा था।
परिवार में आर्थिक तंगी और ठीक उपचार नहीं होने के कारण कुछ महीने पहले ही सात माह की बच्ची की भी मौत हो गई थी। परिवार में पवन और उसकी पत्नी वर्षा पर जो बीत रही थी उसे बयां नहीं किया जा सकता। पवन के चाचा न¨रदर कुमार ने बताया कि वह पिछले कई सालों से उक्त परिवार के संपर्क में हैं। उनसे जितनी सहायता बन सकती थी वह कर रहे हैं। लेकिन वीरवार को जब पवन की मौत का समाचार उन तक पहुंचा तो उनकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि वह अपनी भाभी ज्योति, भाई दीपक और बहू वर्षा को बता सकें। उन्होंने सबसे पहले अपने छोटे भतीजे और पवन के छोटे भाई पंकज को इस बारे में बताया। फिर वह पवन का शव लेने के लिए जालंधर को चले गए और दोपहर बाद पवन का सुल्तान¨वड रोड के पास श्मशान घाट में संस्कार कर दिया गया।