अमृतसर,  जागरण संवाददाता :  पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब में बढ़ रहे नशे को लेकर फिर से गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि उनकी यह तीसरी मीटिंग है और नशा कम होने के बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सरहदीय गांव के लोगों के साथ हुई बैठक में भी लोग गांव में नशे की शिकायतें दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि गांवों में नशा जनरल स्टोर में सामान मिलने के बराबर है। कहीं भी चले जाए गांवों में नशा आम ही लोगों को मिल जाता है।

युवा पीढ़ी को खोखला करने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान 

उन्होंने कहा कि जेलों में भी सुधार करने की जरूरत है। जेलों से भी नशा सप्लाई हो रहा है जेलों में माफिया कंट्रोल किया जा रहा है। इसलिए जेलों को भी सुधारने की सख्त जरूरत है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि नशा खत्म करने के लिए उनके सहयोग की भी जरूरत है वह अपने इलाके में बिक रहे नशे की शिकायतें पुलिस को दे, अगर पुलिस उसमें कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो एक पत्र वह पंजाब के गवर्नर के नाम पर भेज सकते हैं। उस शिकायत पत्र बारे वह सीधे डीजीपी से बात करेंगे और उस पर कार्रवाई करवाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरहदीय राज्य होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से बहुत अहम है।

पड़ोसी देश हमेशा ही पंजाब और देश में गड़बड़ करने की फिराक में रहता है। वह सीधे तौर पर तो भारत से नहीं लड़ सकता, लेकिन बदमाशी करते हुए नशा हमारे देश में भेजकर हमारी युवा पीढ़ी को खोखला करने की कोशिश कर रहा है। हम सभी को पंजाब विरासत में मिला है, लेकिन हम अपनी पीढ़ी को आगे विरासत में क्या देकर जाएंगे, इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है। नशा जिस तरह से पंजाब में बढ़ रहा है, उससे साफ है कि पंजाब की युवा पीढ़ी खराब होगी।

नशा खत्म करने के लिए सभी एजेंसी को एक साथ कम करना है 

उन्होंने कहा कि पंजाब में नशा खत्म करने के लिए केंद्र की सभी एजेंसियों, बीएसएफ, आर्मी, ब्यूरोक्रेसी के सहयोग जरुरत होगी, वह सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांवों में डिफेंस कमेटियां और आम लोग ड्रोन व तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए बीएसएफ व पंजाब पुलिस को सूचित करे। दुश्मन नापाक कोशिशों को रोकने के लिए लोगों का सहयोग बेहद जरुरी है। इस अवसर पर विधायक डा. कुंवर विजय प्रताप सिंह, पंजाब सरकार के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ, डीजीपी गौरव यादव, राज्यपाल पंजाब प्रिंसिपल सचिव राखी गुप्ता भंडारी, प्रभारी सचिव सर्वजीत सिंह और राजेश कुमार गैंटा, पुलिस कमिश्नर जसकरन सिंह, आईजी मोहनीश चावला, डीआइजी रणजीत सिंह ढिल्लों, नगर निगम कमिश्नर संदीप रिषी, तरनतारन के डीसी रिषीपाल सिंह, एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान, एसएसपी देहाती स्वप्न शर्मा, एडीसी सुरिंदर सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

पंजाब पुलिस की मिलीभगत से नशा

लोग राज्यपाल बुधवार को सरहदीय गांव के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के सैनेट हाल में अमृतसर और तरनतारन के लोगों के साथ उन्होंने बातचीत की। लोगों ने उन्हें अपनी समस्या के बारे अवगत करवाया। लोगों ने सबसे अधिक मुद्दा नशे का ही उठाया। तरनतारन से पहुंचे सुरिंदर सिंह ने बताया कि सबसे बड़ा मुद्दा नशे का है। गांवों में नशा लगातार बढ़ता जा रहा है। पंजाब पुलिस की मिलीभुगत के साथ ही यह सब कुछ हो रहा है। सरकार अगर चाहे तो सब कुछ कर सकती है।

पंजाब पुलिस में कुछ काली भेड़े है, जो नशा तस्करों की मदद करती है और जो नशे के खिलाफ शिकायत करने वाले होते है, उनके नाम उन्ही लोगों को बता देती है, जिसके बाद लोग इस तरह की शिकायतें ही नहीं कर सकते। राज्यपाल ने लोगों के विचार सुने, जिसमें सबसे अधिक मुद्दा नशे का था। उन्होंने जिला प्रशासन को सरहदीय गांवों में डिफेंस कमेटियां बनाने की हिदायत भी की। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल पिछले कुछ महीनों से सरहदीय गांवों का दौरा कर रहे है। यह उनका तीसरा दौरा था, जिसमें उन्होंने गांवों के लोगों के साथ बातचीत की। तीनों बैठकों में सबसे अधिक मुद्दा नशे का ही छाया रहा।

डीजीपी से बोले, पुलिस में काली भेंडे बिकवा रही

नशा राज्यपाल ने पास ही बैठे डीजीपी गौरव यादव से भी साफ कहा कि नशे के लिए पंजाब पुलिस भी कहीं न कहीं जिम्मेवार है। कुछ काली भेड़े पंजाब पुलिस में है, जो नशा तस्करों का साथ देती है। इतना ही नहीं कुछ पुलिस कर्मचारी भी नशा एडिक्टड है। जो नशे के लिए नशा बिकवाने वालों की सहायता करते है। इस पर डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एेसे लोगों पर भी सख्ती बरती जा रही है। अभी तक जितने भी केस उनके सामने आए है, उन्होंने उन पुलिस कर्मचारियों को डिसमिस कर दिया, जो नशा करते हुए पाए गए है। यह काम आगे भी इसी तरह से जारी रहेगा। पंजाब पुलिस अकेली कुछ नहीं कर सकती। इसके लिए लोगों का सहयोग के भी जरूरत है।

केंद्र सरकार को भेजे गए तीन प्रस्ताव

राज्यपाल ने कहा कि पिछली बार हुई मीटिंगों में उन्होंने किसानों की कुछ मांगे सुनी थी। किसानों की मांगे थी कि सरहद पार की जमीन के मुआवजा उन्हें नहीं मिल रहा है। इसके अलावा अग्निवीर भर्ती में ज्यादा से ज्यादा कोटा पंजाब के युवाओं का रखा जाए। इसके अलावा पंजाब के युवाओं को अधिक से अधिक नौकरियां मिले। यह तीनों मुद्दों पर उन्होंने एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है, जो प्रोसेस में है। सरकार जल्द ही इस पर कोई फैसला लेगी।

Edited By: Nidhi Vinodiya