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चाइनीज डोर के खिलाफ अलग-अलग एसोसिएशनों ने खोला मोर्चा

अमृतसर ड्रैगन डोर के खिलाफ दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए अभियान के बाद एक तरफ जहां डिप्टी कमिश्नर ने इसके खिलाफ नए आदेश जारी किए हैं, वहीं शहर की अलग-अलग एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने भी इस खतरनाक डोर के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:33 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:33 AM (IST)
चाइनीज डोर के खिलाफ अलग-अलग  एसोसिएशनों ने खोला मोर्चा
चाइनीज डोर के खिलाफ अलग-अलग एसोसिएशनों ने खोला मोर्चा

अभियान.. का लोगो ड्रैगन डोर-नो मोर साथ लगेगा

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बच्चों और उनके परिजनों को ड्रैगन डोर के खिलाफ करेंगे जागरूक, नहीं रुके तो देंगे पुलिस को जानकारी

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र¨वदर शर्मा, अमृतसर

ड्रैगन डोर के खिलाफ दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए अभियान के बाद एक तरफ जहां डिप्टी कमिश्नर ने इसके खिलाफ नए आदेश जारी किए हैं, वहीं शहर की अलग-अलग एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने भी इस खतरनाक डोर के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। इन एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दैनिक जागरण के अभियान 'नो मोर, ड्रैगन डोर' की सराहना की। सभी का एक मत से मानना है कि ड्रैगन डोर सैकड़ों साल पुरानी धागे वाली डोर को निगल गई है और यह तेजी से पंछियों और इंसानों को हानी पहुंचा रही है।

लोगों को चाइनीज डोर के खतरे बता करेंगे जागरूक

शहीद मदन लाल ढींगरा वेलफेयर सोसायटी की चेयरपर्सन डॉ. स्वराज ग्रोवर का कहना है कि अकेला जिला प्रशासन या पुलिस ड्रैगन डोर पर काबू नहीं पा सकती। इसके लिए हर व्यक्ति को आगे आना पड़ेगा। डॉ. ग्रोवर ने कहा कि वे अपनी सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ मिलकर पहले कॉलोनी के अंदर के बच्चों और उनके परिजनों को ड्रैगन डोर को प्रयोग करने से रोकेंगी। इसके बाद वे शहर अन्य हिस्सों में भी इस अभियान को लेकर जाएंगी। अगर जागरूक करने पर भी लोग नहीं रुके वो इसकी शिकायत पुलिस को भी देंगी।

बच्चों को समझाना आसान, परिजन मानें तो खत्म होगी डोर

शिवाला बाग भाइयां वेलफेयर सोसायटी की कार्यकारिणी सदस्य अनिल मेहरा कहते हैं कि ड्रैगन डोर के खिलाफ अभियान इसकी आमद से ही शुरू होना चाहिए था। अगर सरकार इसके खिलाफ सख्त कानून पास करती तो आज स्थिति यह नहीं होनी थी। उन्होंने कहा कि वे अपनी कालोनी में बच्चों और उनके परिजनों को जागरूक कर रहे हैं कि वे पतंगबाजी के लिए इस डोर का इस्तेमाल नहीं करें।

सख्ती का दिखा असर, 350 का गट्टू 1 हजार में बिका

अटारी बाइपास स्थित सिल्वर एस्टेट वेलफेयर एसोसिएशन और विजय विहार इंडस्ट्रियल मैन्युफेक्च¨रग एसोसिएशन के सचिव संजय मेहरा टीनू कहते हैं कि उन्होंने साथियों के साथ मिलकर जागरूक करना शुरू किया है। बच्चों को समझाता तो आसान है मगर ड्रैगन डोर का कारोबार तभी खत्म होगा जब पतंगबाज बच्चों के परिजन इसके बारे समझेंगे। हाल ही में पुलिस की सख्ती के बाद चाइनीज गट्टू का मार्कीट में रेट बढ़ गया है। जो गट्टू कभी 350 रुपये में मिलता था, अब 1 हजार रुपये में बिक रहा है। उनकी टीम के सदस्य ड्रैगन डोर बेचने वाले दुकानदारों का पता लगा कर पुलिस को सूचित करेंगे।


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