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कोर्ट के स्टे, ट्रस्ट के आदेश, पुलिस कार्रवाई का भी खौफ नहीं : मन्ना

अमृतसर: कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता व सचिव मनदीप ¨सह मन्ना ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे है और प्रशासन तंत्र सोया हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 12:20 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 12:20 AM (IST)
कोर्ट के स्टे, ट्रस्ट के आदेश, पुलिस कार्रवाई का भी खौफ नहीं : मन्ना

जागरण संवाददाता, अमृतसर:

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कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता व सचिव मनदीप ¨सह मन्ना ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे है और प्रशासन तंत्र सोया हुआ है। शिकायत के बावजूद न तो अवैध कब्जे छुड़वाए जा रहे है और न ही सरकारी भूमि पर हुए अवैध कब्जों पर चल रहे गैर कानूनी निर्माण को रोकने के लिए ही कोई प्रयास हुआ है। इतना ही नहीं ऐसा करने वालों पर नगर सुधार ट्रस्ट के अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों, अदालतों के स्टे आर्डर और यहां तक कि ट्रस्ट द्वारा पुलिस को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिखे गए सख्त पत्रों का भी कोई असर नही हो रहा है। आज एक छोटी सी दीवार को तोड़कर ट्रस्ट ने खानापूर्ति कर दी है।

पत्रकारों से बात करते हुए मन्ना ने कहा कि मकबूल रोड पर प्राइम लोकेश की 177.66 वर्गगज की जगह को लेकर ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड में विवाद चल रहा है। इसके बावजूद वहां अवैध दुकानों का निर्माण करके बेच दिया गया। दो करोड़ रूपये से भी अधिक की कीमत वाली इस जगह की मालिकी लोकल बाडी विभाग की है। उन्होंने खुद मई माह में खुलासा करके घोटाले को बेनकाब किया था, परंतु आज तक किसी भी आरोपी के उपर न तो कोई कानूनी कार्रवाई हुई। न ही ट्रस्ट और नगर निगम इस भूमि को खाली करवा का अपना कब्जा ले पाया। इतना ही नहीं इस भूमि पर अवैध निर्मात हुई दुकानों को खाली करवाने में वह असफल रहे है। स्थानीय अदालत ने आरोपियों को किसी तरह का स्टे देने की अपील को भी पूरी तरह खारिज कर दिया है। सिर्फ वक्फ बोर्ड के हक में स्टेट्स—को का आदेश दिया है। बावजूद इसके कब्जाधारी अवैध निर्माण कर रहे है। उनके शोर मचाने के बाद विभाग कुछ सरगर्म हुआ परंतु कोई एक्शन कानून के

अनुसार नही लिया गया। अब जज सर्बजीत सिह की अदालत ने वक्फ बोर्ड को सिर्फ स्टेट—को का आदेश देते हुए नगर सुधार ट्रस्ट को कहा कि इस भूमि का जबरदस्ती कब्जा न लिया जाए। परंतु यहां पर होने वाले अवैध निर्माणों को रोकने के भी अदालत ने ट्रस्ट को आदेश पहले ही जारी किए हुए है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कब्जाधारी इतने शक्तिशाली हो गए है कि न तो अदालत के आदेशों की परवाह होती है और न ही पुलिस दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की हिम्मत जुटा पा रही है। हाल में ही 21 सितंबर को ट्रस्ट ने पुलिस कमिश्नर को दोबारा पत्र लिख कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील की है।


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