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राजस्थान में जीका का कहर, पंजाब में हाई अलर्ट

अमृतसर राजस्थान में विध्वंसक रूप अख्तियार कर चुके 'जीका वायरस' के कदम पंजाब की ओर भी बढ़ सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 11:59 PM (IST)
राजस्थान में जीका का कहर, पंजाब में हाई अलर्ट

नितिन धीमान, अमृतसर

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राजस्थान में विध्वंसक रूप अख्तियार कर चुके 'जीका वायरस' के कदम पंजाब की ओर भी बढ़ सकते हैं। राजस्थान के बिल्कुल साथ सटे पंजाब में जीका वायरस की आमद ज्यादा मुश्किल नहीं। मलोट, ब¨ठडा, हनुमानगढ़ इत्यादि जिलों से पंजाब आने वाले संक्रमित लोग इस वायरस को पंजाब में पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने इसे लेकर हाई अलर्ट जारी किया है।

दरअसल, डेंगू मच्छर की मार झेल पंजाब के लिए जीका वायरस भी एक बड़ा खतरा बन सकता है। इस वायरस से संक्रमित इंसान सामान्य इंसान को रोगी बन सकता है। राजस्थान से पंजाब में प्रवेश करने वाले संक्रमित व्यक्ति से पंजाब को भी खतरा हो सकता है। वैसे यह संभावना है, लेकिन संभावना को हकीकत में बदलते ज्यादा वक्त नहीं लगता।

राजस्थान में अब तक जीका वायरस के 128 केस रिपोर्ट हो चुके हैं। इस स्थिति में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट करके निर्देश दिए हैं कि जीका वायरस के संदर्भ में लोगों को जागरूक किया जाए। डेंगू पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट हर सप्ताह स्वास्थ्य विभाग ने भेजने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट कहा है कि कोई भी स्कूल छात्रों को राजस्थान के टूर पर न लेकर जाए। गर्भवती महिलाएं भी राजस्थान की यात्रा न करें।

क्या है जीका वायरस

डेंगू रोग फैलाने वाली प्रजाति का एडीज इजिप्टी मच्छर ही जीका वायरस की उत्पत्ति का कारण है। यह मच्छर गर्भवती महिला को काटने के बाद उसकी कोख में पल रहे शिशु को जीका वायरस भेज देता है। गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क पर हमला करने वाला यह वायरस उसे मानसिक रूप से कमजोर बना देता है। यह वायरस इंसान के तंत्रिका तंत्र पर अटैक करता है। इससे लोग अधरंग का शिकार बन सकते हैं। इस वायरस के उपचार में अभी भी चिकित्सा जगत में कोई दवा ईजाद नहीं हुई।

बचाव ही एकमात्र उपाय

जीका वायरस सन 1949 में फैला था। तब इसने अफ्रीका व साउथ ईस्ट एशिया देशों के हिस्सों में तबाही मचाई थी। वर्तमान में तेजी से बढ़ रहे इस वायरस का निशाना अब भारत भी है। इससे बचने का एकमात्र उपाय यह है कि लोग मच्छरों को उत्पन्न न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए पूरा तन ढकें। हल्के रंग के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर आपकी ओर आकर्षित न हो। लक्षण

— बुखार

— जोड़ों में दर्द

— शरीर पर लाल चकत्ते

— थकान

— सिरदर्द

— आंखों का लाल होना


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