मी-टू के शिकंजे में जिला पुलिस के एक इंस्पेक्टर
अमृतसर मी-टू के मक्कड़ जाल में जिला पुलिस का एक इंस्पेक्टर फंसता दिखाई देने लगा है।
नवीन राजपूत, अमृतसर
मी-टू के मक्कड़ जाल में जिला पुलिस का एक इंस्पेक्टर फंसता दिखाई देने लगा है। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर अपने थाने में ही महिला से छेड़छाड़ कर चुका है। उसे बाहर (आउट-आफ) स्टेशन चलने के लिए मजबूर कर रहा है। महिला ने इंस्पेक्टर पर शारीरिक शोषण के प्रयास के आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि वह लगभग डेढ़ महीना पहले इंस्पेक्टर के पास इंसाफ पाने के लिए शिकायत लेकर गई थी। लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे इंसाफ दिलाने की बजाए उल्टा उसे परेशान करना शुरू कर दिया। यही नहीं, वह अकसर बिना बताए उसके घर पहुंच जाता है। शिकायत पर कार्रवाई करने की एवज में उसे कई बार पुलिस स्टेशन बुला लेता है। महिला का आरोप है कि वह फिर अपने स्टाफ के सदस्यों को कमरे के भीतर नहीं आने की बात कहकर काफी देर तक पीड़िता संग अश्लील हरकतें करता है।
महिला ने बताया कि वह कई बार इंस्पेक्टर को उसके कारनामों के बारे में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने की चेतावनी दे चुकी है। लेकिन खुद को दबंग कहने वाला इंस्पेक्टर महिला को धमकाता है कि पुलिस विभाग में उसकी छवि साफ और पाक है। कोई पुलिस अधिकारी उसकी बात का यकीन नहीं करेगा। अगर वह उसकी शिकायत करेगी तो वह महिला को किसी झूठे मामले में भी आसानी से फिट करवा सकता है। महिला के पास इंस्पेक्टर के चै¨टग और वायस संदेश हैं। जब महिला ने उसे उक्त सबूतों का हवाला देकर उसकी ¨जदगी से चले जाने का वास्ता दिया तो इंस्पेक्टर ने महिला को धमकाया और कहा कि इस तरह के सबूत कोई हैकर भी बना सकता है।
फिलहाल महिला एक समाज सेवी संस्था के संपर्क में है। इंस्पेक्टर द्वारा महिला को परेशान किए जाने वाले तथ्यों पर संस्था अपने वकील द्वारा मंथन कर रही है। संस्था के पदाधिकारी महिला को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि अन्याय के खिलाफ लड़ना जरूरी है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में महिला पुलिस के बड़े अधिकारियों को इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत दे सकती है।