मैं गुनहगार नहीं, रेलवे की लापरवाही से हुआ हादसा: मिट्ठू
अमृतसर जौड़ा फाटक के समीप रेल हादसे के चार दिन बाद सामने आए दशहरा मेला के आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) ने इस हादसे के लिए रेलवे को कसूरवार ठहराया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
जौड़ा फाटक के समीप रेल हादसे के चार दिन बाद सामने आए दशहरा मेला के आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) ने इस हादसे के लिए रेलवे को कसूरवार ठहराया है। उसने कहा कि 'मैं गुनहगार नहीं, यह हादसा रेलवे की लापरवाही से हुआ है।' दशहरा उत्सव का आयोजन पुलिस और निगम की परमीशन लेकर करवाया गया। वहां पुलिस सुरक्षा का पूरा इंतजाम था। रेल ट्रैक पर खड़े लोगों को मंच से पांच बार अनाउंसमेंट करवाकर वहां से हटने के लिए कहा गया। वे नहीं माने और अचानक ट्रेन आ जाने से वह हादसे का शिकार हो गए।
मिट्ठू ने कहा कि दशहरा आयोजन से पूर्व मैदान में कुर्सियां लगाई गई थीं, दरियां बिछाई गई थीं। ट्रैक पर आयोजन नहीं किया गया था, आयोजन चारदीवारी में था। हादसा रेलवे ट्रैक पर हुआ, इसलिए इसमें मेरा कोई दोष नहीं। हादसे के दौरान वह स्टेज पर ही था। उसे बताया गया कि दो चार लड़के मर गए हैं। कुछ ही पल में दस से बारह लोगों के मारे जाने की बात मुझे बताई गई। किसी ने कहा कि आक्रोश से भरे लोग उसे मारने के लिए आ रहे हैं। इसलिए कारण उसे वहां से जाना पड़ा।
रेलवे चाहता तो हादसा रुक सकता था। गेटमैन को इस आयोजन की जानकारी अधिकारियों को देनी चाहिए थी। उसने सही ढंग से अपनी ड्यूटी नहीं निभाई। रोजाना 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली डीएमयू उस दिन 100 किमी से अधिक रफ्तार से गुजरी।
अकाली-भाजपा नेता इसे मुद्दा बनाकर नवजोत ¨सह सिद्धू और उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को घेरना चाहते हैं। वे जानबूझकर हादसे पर राजनीति कर रहे हैं। जबकि कुछ नेता मुझसे व्यक्तिगत रंजिश निकाल रहे हैं। मिट्ठू ने कहा कि हादसे में मारे गए लोग उसके परिवार का हिस्सा थे। अगर राजनीति करने वाले लोग मुझे पीटकर, मारकर मृतकों को वापस ला सकते हैं तो वह इसके लिए भी तैयार है।
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