पत्नी की एप्लीकेशन पर मंत्री सिद्धू ने कहा, कहीं से भी चुनाव लड़ें, वह पूरा साथ देंगे
अमृतसर हल्का दक्षिण में खजाना गेट से लेकर सुल्तान¨वड गेट तक करीब 3.20 किलोमीटर सड़क की ब्यूटीफिकेशन के लिए रविवार को कैबिनेट मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू और विधायक इंद्रबीर ¨सह बुलारिया ने उद्घाटन किया।
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-शहर में 34 करोड़ रुपए के विकास कामों का किया उद्घाटन, कहा शहर की नुहार बदलने के लिए हर संभव प्रयास करने से पीछे नहीं हटूंगा...
-आने वाले दो से तीन सालो में अमृतसर शहर को मिलेगी अलग लुक, दरबार साहिब को जाने वाले चारों रास्तों को बनाया जाएगा विरासती...
हरीश शर्मा, अमृतसर
हल्का दक्षिण में खजाना गेट से लेकर सुल्तान¨वड गेट तक करीब 3.20 किलोमीटर सड़क की ब्यूटीफिकेशन के लिए रविवार को कैबिनेट मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू और विधायक इंद्रबीर ¨सह बुलारिया ने उद्घाटन किया। उनके साथ विधायक राज कुमार वेरका, विधायक सुनील दत्ती और मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू भी मौजूद थे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 34 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस पूरे रास्ते की दीवारों को विरासती लुक दी जाएगी और म्यूजियम भी बनाया जाएगा। जिसमें सिख इतिहास को दर्शाया जाएगा। इसके अलावा 34 करोड़ रुपए का अलग से प्रोजेक्ट लाया गया है। जिसमें दरबार साहिब को जाने वाले चारों रास्तों हाल गेट, कटड़ा जैमल ¨सह, कटड़ा आहलूवालिया रोड और रामसर रोड की भी ब्यूटीफिकेशन करवाई जा रही है। यह सारे प्रोजेक्ट डेढ़ साल में मुकम्मल कर दिए जाएंगे। सबसे खास बात यह है कि इसके लिए सरकार ने एडवांस में ही पैसे भी रिलीज कर दिए।
उद्घाटन के दौरान सिद्धू ने पिछली भाजपा-अकाली सरकार को जमकर कोसा और लुटेरों की सरकार बोला। कहा कि पिछली सरकार की नाकामी के कारण लगातार दक्षिण हल्के के विकास का काम लटकता आ रहा था। उन्होनें कहा कि बाबा दीप ¨सह जी का आशीर्वाद लेने के लिए देश-विदेश से संगत यहां पर आती है। मगर अकाली सरकार ने कभी भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द ही दक्षिण हल्के को कूड़े डंप से निजात भी दिलवाएंगे। क्योंकि हल्के के विधायक और लोग लगातार इससे निजात दिलवाने की मांग करते रहे हैं। मगर अकाली सरकार ने दस साल राज करने के बाद भी डंप को यहां से खत्म नहीं किया। वहीं उन्होंने पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के बारे पूछे सवाल पर कहा कि वह जिस भी शहर से चुनाव लड़ना चाहती हैं वह उनका पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन खुद अमृतसर छोड़ कर कभी नहीं जाएंगे। बता दें कि नवजोत कौर सिद्धू ने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी एप्लीकनश दी है। इसके अलावा सिद्धू के साथ आए अन्य विधायकों ने भी जमकर पिछले सरकार को कोसा व शहर की नुहार बदलने का प्रण लिया। इसके सभी नेताओ ने गुरुद्वारा शहीदां साहिब में जाकर माथा टेक।
इन प्रोजेक्टों पर किया जा रहा काम शुरु:
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान मंत्री सिद्धू ने बताया कि शहर की डेवेलपमेंट के लिए वह कई प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। उन प्रोजेक्ट के लिए पैसे का भी इंतजाम कर लिया गया है और सभी की ड्राइंग भी लगभग तैयार है। जिनमें रामबाग की रखरखाव के लिए 23 करोड़ रुपए, टाउन हाल की इमारत पर लाइटें लगाने के लिए 3.50 करोड़ रुपए, खालसा कालेज की इमारत को लाइटों से सजाने के लिए 3.50 करोड़ रुपए, पुल मोरां को जरूरत के मुताबिक प्रयोग में लाने के लिए 15 करोड़ रुपए, रेलवे स्टेशन के बाहर लाइ¨टग का काम करवाने के लिए 10 करोड़ रुपए, शहर की सड़को को नुहार बदलने के लिए 40 करोड़ रुपए, स्टेट म्यूजियम बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए, हरिके को टूरिस्ट के मुताबिक तैयार करने के लिए करीब 150 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। हरिके में फ्लो¨टग होटल, रेस्त्रां आदि बनाए जाने की योजना है। क्योकि यहां पर हर साल करीब सवा लाख विदेश पक्षी पहुंचते है। यह सारे प्रोजेक्ट लगभग पास हो चुके हैं और जल्द ही इन पर काम शुरु हो जाए। आने वाले करीब दो से तीन सालों के दौरान शहर की अलग ही लुक दिखाई देगी। इसके अलावा कुछ और भी प्रोजेक्ट है, जिनकी जल्द ही घोषणा की जाने की तैयारी है।
19 जगहों से जुड़ेगा अमृतसर:
नवजोत ¨सह सिद्धू ने बताया कि जिस तरह अमृतसर और पंजाब के लोग तीन दिन या पांच दिन के ट्रिप पर घूमने के लिए जाते हैं। अमृतसर को भी ठीक वैसा ही बनाने की तैयारी है। क्योंकि अमृतसर को 19 ऐसी जगहों से जोड़ने की तैयारी है। जिससे टूरिस्ट को यहां पर तीन दिन या पांच दिन के ट्रिप की आफर दी जाएगी। ताकि यह पर टूरिस्ट बढ सके और व्यापार में बढ़ोतरी हो।
इश्तिहार पालिसी बनाकर मिला फायदा
सिद्धू ने अकाली सरकार को आड़े हाथ लेकर कहा कि केवल अपनी जेबे भरने के अलावा कोई काम नहीं किया गया। उनकी सरकार ने इश्तिहार पालिसी बनाई है। जिससे केवल लुधियाना शहर से ही 32 करोड़ रुपए खजाने में आए है। जबकि बाकी शहरों को भी इस पालिसी के साथ जोड़ कर सरकार को काफी फायदा होने वाला है। मगर अकाली सरकार की बात की जाए तो पूरे पंजाब से केवल 18 करोड़ रुपए सरकार के खजाने में हर साल जमां हो रहे थे।