Amritsar News: स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में अमृतसर को 32वीं रैंक
Swachh Survekshan 2022 स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तहत केंद्र सरकार ने शनिवार को स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम घोषित किया है। इसके तहत अमृतसर ने 32वां रैंक हासिल किया है जोकि पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहा है। गत वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में अमृतसर ने 34वां रैंक पाया था।
अमृतसर, जागरण संवाददाता: स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तहत केंद्र सरकार ने शनिवार को स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम घोषित किया है। इसके तहत अमृतसर ने 32वां रैंक हासिल किया है, जोकि पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहा है। साल-2021 के स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम में अमृतसर ने 34वां रैंक पाया था, जोकि राज्य में पहला स्थान ही था।
साल-2022 के घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम में सर्विस लेवल प्रोग्रेस (एसएलपी) के तहत 3000 अंकों में से 1695.34 अंक हासिल किए हैं। सिटीजंस वायस के तहत 2250 अंकों में से 1774.42 अंकों के साथ-साथ सर्टिफिकेशन में शामिल गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) और ओपन डेफीकेशन फ्री (ओडीएफ) में अमृतसर को 600 अंक मिले हैं, जिसके लिए 700 अंक रखे गए थे।
अमृतसर ने स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम के कुल 6000 अंकों में से 4069.77 अंक मिले हैं। साल-2021 में सर्विस लेवल प्रोग्रेस (एसएलपी) के तहत 2400 अंकों में से 1653.43 अंक हासिल किए थे। जबकि सिटीजंस वायस के तहत 1800 अंकों में से 1281.11 अंकों के साथ-साथ सर्टिफिकेशन में शामिल गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) व ओपन डेफीकेशन फ्री (ओडीएफ) में अमृतसर को 500 अंक मिले थे, जिसके लिए 1800 अंक रखे गए थे। शहर में बायोरेमेडिएशन प्लांट न लगने की वजह से जीएफसी में अंक न मिलने पर राष्ट्रीय स्तर रैंकिंग हासिल करने में अमृतसर पिछड़ा पिट रहा है।
अमृतसर को जीएफसी के लिए नहीं मिल पाए हैं अंक
10 लाख से अधिक आबादी वाले दो शहरों में से एक स्थान हासिल करना अमृतसर के लिए कोई खास उपलब्धि नहीं है, क्योंकि एक शहर को पछाड़ना दूसरे शहर के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। स्वच्छ सर्वेक्षण में राज्य से अमृतसर के साथ लुधियाना ही शामिल है। दो सालों से देश में रैंकिंग न बढ़ने के पीछे शहर में बायोरेमेडिएशन प्लांट न लगना है। इसकी वजह से आज तक अमृतसर राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग हासिल नहीं कर रहा है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस (एसएलपी) के अंकों में कमी स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम के साथ-साथ सिटीजंस वायस के तहत लोगों से साफ-सफाई के विषय में मिली प्रतिक्रिया की वजह से आई है। जबकि सर्टिफिकेशन जीएफसी के साथ-साथ ओडीएफ में से सिर्फ ओडीएफ के खाते में ही अंक मिले हैं। जीएफसी के लिए एलिजिबल न होने पर अमृतसर को अंक नहीं मिल पाए हैं।
बायोरेमेडिएशन प्लांट लगने से शत-प्रतिशत प्रोसेस होगा कूड़ा
शहर में बायोरेमेडिएशन प्लांट न लगने की वजह से अंकों में बढ़ोतरी हो सकती थी, जोकि पिछले वर्षों से लगातार चलती आ रही है। शहर में हर रोज 4.5 टन कूड़ा एकत्रित होता है, जिसमें से मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) कंपोस्ट पिट व कंपोस्ट पैड की सुविधा से 65 प्रतिशत कूड़ा ही शहर में प्रोसेस हो पाता है। यदि शहर में बायोरेमेडिएशन प्लांट लग जाए तो शहर में बकाया 35 प्रतिशत कूड़ा भी प्रोसेस होने से स्वच्छ सर्वेक्षण में अमृतसर राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमका सकता है।