अबहरो प्रधान हवा ¨सह तंवर पांच बार भगोड़ा घोषित
अमृतसर अखिल भारतीय ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय प्रधान हवा ¨सह तंवर को को न्यायाधीश जसबीर ¨सह ने पांच केसों नें भगोड़ा घोषित कर दिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
अखिल भारतीय ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय प्रधान हवा ¨सह तंवर को को न्यायाधीश जसबीर ¨सह ने पांच केसों नें भगोड़ा घोषित कर दिया है। आरोप है कि हवा ¨सह तंवर अदालत में दायर किए गए चेक बाउंस के पांच केसों में हाजिर नहीं हो रहे। उक्त मामले के बाद राष्ट्रीय प्रधान की समस्याएं खत्म होने की बजाए ज्यादा बढ़ गई हैं। हालांकि इससे पहले न्यायाधीश के आदेश पर हवा ¨सह तंवर और उसके साथियों के खिलाफ फर्जी जमानत देने का मामला भी दर्ज है।
दीपक विज और उनकी पत्नी किरण विज ने अदालत में दायर अपनी याचिका में बताया था कि कुछ साल पहले उनकी अबहरो प्रधान हवा ¨सह तंवर के साथ मुलाकात हुई थी। हवा ¨सह तंवर ने उनके साथ कारोबार करने के नाम पर 88 लाख रुपये लिए थे। बदले में आरोपित प्रधान ने उन्हें अपने बैंक खाते के चेक दिए थे। जब आरोपित ने उनके पैसे लौटाने से इनकार कर दिया तो पीड़ित पक्ष ने उक्त आरोपित के पांच चेक अदालत में लगा दिए थे। उक्त केसों में अदालत ने उसे समन किया था। लेकिन आरोपित लगातार अदालतों से गैर हाजिर होने लगा। बीते दिनों अदालत ने आरोपित की गैर हाजरियों को देखते हुए भगोड़ा घोषित कर दिया है।
ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के समक्ष भरी थी फर्जी जमानत
गौर रहे धोखाधड़ी के एक मामले में नामजद हवा ¨सह तंवर ने अपनी जमानत याचिका ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के पास दायर की थी। उस समय कोर्ट में छुट्टियां थी, जिस कारण जमानत याचिका इलाका मैजिस्ट्रेट की अदालत में नहीं भरी गई। ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की अदालत से हवा ¨सह को जमानत मिली और शिकायतकर्ता को जब फर्जी जमानतों के बारे में पता चला तो उन्होंने अदालत में शिकायत की थी। सिविल लाइन थाने की पुलिस ने इस मामले में फर्जी नंबरदार जसपाल ¨सह को गिरफ्तार भी किया था।
सिविल लाइन थाने में दर्ज है धोखाधड़ी का केस
गौर रहे सिविल थाने की पुलिस ने 13 अप्रैल 2017 हवा ¨सह तंवर सहित चार लोगों रू¨पदर कौर, राजन बब्बर, रमेश विज वसीका के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। कारोबारी दीपक और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि हवा ¨सह तंवर अपने उक्त साथियों के साथ मिलकर उनके 88 लाख रुपये हड़प लिए हैं। गौर रहे आरोपित ने अपनी पहुंच के बल पर एक बार जांच होने के बाद एफआईआर को रोकने के लिए उसे (फाइल)रिव्यू के लिए दोबारा पुलिस कमिश्नर को अर्जी लिखी थी।