सीकेडी के एनआरआइ स्कूल पर करोड़ों खर्च, बच्चे सिर्फ 24
अमृतसर:चीफ खालसा दीवान द्वारा अमृतसर में स्थापित किया गया एनआरआइ स्कूल सफेद हाथी साबित हो रहा है।
जासं, अमृतसर:चीफ खालसा दीवान द्वारा अमृतसर में स्थापित किया गया एनआरआइ स्कूल सफेद हाथी साबित हो रहा है। पहले ही इस स्कूल की इमारत पर 24 से 25 करोड़ खर्च कर दिया गया है। अब सीकेडी के अध्यक्ष डॉ. संतोख ¨सह ने अढ़ाई करोड़ रुपये और दीवान से मांगे हैं। जबकि अभी तक स्कूल में सिर्फ 24 बच्चे ही दाखिल हो सके हैं, जो गैर एनआरआइ हैं। दीवान के एक दर्जन के करीब सदस्यों ने सीकेडी के अध्यक्ष द्वारा इस स्कूल के लिए मांगें गए अतिरिक्त पैसों का विरोध किया है।
चीफ खालसा दीवान के संस्थापकों के परिवारों के सदस्यों को दीवान के एक दर्जन मेंबरों की ओर से लिखे पत्रों में कहा गया है कि दीवान पर काबिज मौजूद पदाधिकारी फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। पत्र में जिक्र किया गया है कि शुभम इन्क्लेव में दीवान की ओर से 7 करोड़ रूपये खर्च करके एनआरआइ स्कूल खोलने के लिए जमीन खरीदी गई। दीवान की ओर से स्कूल पर 24 से 25 करोड़ रुपये इमारत आदि पर खर्च कर दिए गए हैं, जबकि स्कूल का अभी तक नक्शा भी पास नहीं हुआ है। जिस कारण सीकेडी को इसके लिए दस लाख रुपये जुर्माना भी हो चुका है। यही नहीं, अभी तक इसकी एनओसी न होने के कारण बिजली कनेक्शन भी जारी नहीं हुआ है। स्कूल की बिजली सप्लाई एक जनरेटर से पूरी की जा रही है। स्कूल के ऊपर से हाइटेंशन तारें गुजरती हैं जिसका विरोध भी सदस्यों ने दीवान की कार्यकारिणी की बैठक में दर्ज करवाया है। स्कूल में स्टाफ भी पूरा रखा हुआ है। हालात यह है कि स्कूल के हाल में एक डेढ़ लाख से अधिक रुपए का झूमर लगा दिया गया है जो सिर्फ होटलों में लगाया जाता है न कि स्कूलों जैसी संस्थाओं में।
सदस्य तो यहां तक कह रहे हैं कि शहर में पहले ही दीवान के 9 स्कूल चल रहे हैं फिर जो यह स्कूल बनाना और इसके लिए जगह खरीदनी जरूरी क्यों थी। क्यों दीवान के करोड़ों रूपये बर्बाद करा दिए गए।
फीस अन्य स्कूलों के मुकाबले अधिक: डॉ. संतोष
इस संबंध में जब दीवान के अध्यक्ष डॉ. संतोख ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह सच है कि स्कूल में एनआरआइ अपने बच्चे दाखिल करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इसलिए स्कूल में अब अन्य बच्चों को भी दाखिल किया जा रहा है। इस स्कूल में सुविधाएं अधिक है इसलिए इसकी फीस अन्य स्कूलों के मुकाबले अधिक है। भविष्य में इस स्कूल में दाखिला बढ़ाने के लिए नीति लागू की जाएगी।