Amritpal Singh: निर्दोष सिख युवकों को गिरफ्तार करना बंद करे पंजाब सरकार: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सोमवार को पंजाब सरकार से कहा है कि वह निर्दोष सिख युवकों को गिरफ्तार करना बंद करे।
अमृतसर, पीटीआई । खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सोमवार को पंजाब सरकार से कहा है कि वह 'निर्दोष' सिख युवकों को गिरफ्तार करना बंद करे। शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा सिख युवकों पर ज्यादतियां की जा रही है।
मंगलवार दोपहर तक इंटरनेट सेवाएं बंद
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने शनिवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके नेतृत्व वाले संगठन 'पंजाब वारिस दे' के सदस्यों सहित 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं राज्य सरकार ने मंगलवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर भी रोक लगा दी है।
निर्दोष सिख युवाओं को निशाना बनाना सही नहीं- SGPC
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि बिना किसी आरोप के मनगढ़ंत कहानियां बनाकर युवकों को गिरफ्तार करना राज्य के हित में नहीं है। पंजाब ने कई मुश्किल परिस्थितियों को देखा हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की वर्तमान सरकार ने स्थिति में एक और अध्याय जोड़ दिया है। धामी ने अपने बयान में कहा कि पंजाब में जानबूझकर निर्दोष सिख युवाओं को निशाना बनाना सही नहीं है।
पंजाब सरकार राज्य में बना रही आतंक का माहौल
धामी ने कहा कि पंजाब के सिख युवाओं ने न केवल राज्य बल्कि देश और दुनिया की प्रगति में योगदान दिया है, लेकिन यह दुख की बात है कि सिख युवाओं को बार-बार संदेह की नजर से देखा जाता है। पंजाब की मौजूदा सरकार भी ऐसी ही गलती कर रही है। धामी ने कहा कि सरकार को किसी भी घटना की आड़ में राज्य में आतंक का माहौल नहीं बनाना चाहिए। धामी ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करना सही नहीं है।
युवाओं को रोजगार दे सरकार
पंजाब सरकार को इस तरह की कार्रवाइयों को रोकने की सलाह देते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार ईमानदार और गंभीर है तो उसे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। बता दें कि धामी की टिप्पणी अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारों को राजनीतिक हितों के लिए पंजाब में आतंक का माहौल बनाने से बचना चाहिए।
अकाल तख्त के जत्थेदार ने भी कहा कि सरकारों को लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलने वाले युवाओं के उत्पीड़न और बिना कारण हिरासत में डालने से बचना चाहिए।
पिछले साल अमृतपाल को बनाया गया था वारिस पंजाब दे का प्रमुख
जानकारी के लिए बता दें कि दुबई से लौटे अमृतपाल को पिछले साल 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया था। इस संगठन की स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह भी बता दें कि शनिवार को जालंधर जिले में अमृतपाल के काफिले को रोके जाने पर अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
23 फरवरी को पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ की थी प्राथमिकी दर्ज
वहीं पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थकों ने तलवार और बंदूक लहराई थी, बैरिकेड्स को तोड़ दिया था और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके अजनाला पुलिस थाने में घुस गए थे और अपने एक सहयोगी की रिहाई के लिए पुलिस से भिड़ गए। इस घटना में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना के बाद पंजाब पुलिस ने 23 फरवरी को अमृतपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। रविवार को पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ दो नई प्राथमिकी दर्ज की।