एक हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी कर कंपनियां फरार
अमृतसर शहर की चार कंपनियों ने अमृतसर के अलावा गुरदासपुर और तरनतारन जिले के दो हजार से ज्यादा लोगों से एक हजार करोड़ से अधिक की ठगी कर फरार हो गईं हैं।
जागरण संवाददाता अमृतसर
शहर की चार कंपनियों ने अमृतसर के अलावा गुरदासपुर और तरनतारन जिले के दो हजार से ज्यादा लोगों से एक हजार करोड़ से अधिक की ठगी कर फरार हो गईं हैं। कंपनियों के पदाधिकारियों ने लाखों रुपये निवेश कर चुके लोगों को अपनी ही कंपनी का फील्ड अफ्सर बना लिया और फिर उनके मार्फत घर-घर में अपनी कंपनी की योजनाओं का प्रचार कर इतनी बड़ी राशि एकत्र कर ली और फरार हो गए। ठगी का शिकार हुए लोगों ने बार एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप सैनी के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि केस की जांच एसीपी नार्थ को दी गई है।
एजीए क्लब में शनिवार की शाम आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बार प्रधान प्रदीप कुमार सैनी और कंपनी के फील्ड अफसर बलविदर सिंह हंस ने बताया कि साल 2005 में किम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेल्पर्स लिमिटेड, नेक्टर कमर्शियल अस्टेट लिमिटेड, सिद्धू एग्रिकल्चर प्राइवेट कमर्शियल लिमिटेड और हेल्प फाइनेंस लिमिटेड कंपनियों (सभी के कार्यालय न्यू अमृतसर में हैं।) ने शहर में चिट फंड के नाम से कारोबार शुरू किया था। धीरे-धीरे कंपनियों के डायरेक्टर व घोटाले के किगपिन रविदर सिंह सिद्धू ने लोगों के लाखों रुपये डबल करने के नाम पर अपनी कंपनियों में इनवेस्ट करने शुरू कर दिए। दस्तावेजों का समय पूरा होने पर जब लोग डबल हुए पैसे लेने कंपनी के कार्यालयों में पहुंचने लगे तो आरोपितों ने दस्तावेजों की समयावधि बढ़ानी शुरू कर दी। इस बीच कंपनी के पदाधिकारी पांच सौ से ज्यादा फील्ड अफसरों को अपने जाल में फंसा चुके थे। लगभग दो साल पहले जब लोगों को संदेह हुआ तो कंपनी के पदाधिकारी भूमिगत होने शुरू हो गए। रिटा. फौजी ने दिए आठ लाख
गुरदासपुर के श्री हरगोबिदपुर निवासी मंगल सिंह ने बताया कि वह सेना से रिटायर्ड हो चुके हैं और उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी आठ लाख रुपये उक्त कंपनी में इनवेस्ट की थी।
कारोबारी ने जमा कराए थे 42 लाख
तरनतारन स्थित नूर दी अड्डा के पास रहने वाले रवैल सिंह ने बताया कि वह कारोबारी हैं। उन्होंने अपने बच्चों के भविष्य के लिए उक्त कंपनियों में 42 लाख रुपये जमा करवाए थे। दो साल पहले उन्हें पता चला कि कंपनी के दफ्तरों पर ताला लग चुका है और सभी फरार हैं।
लोगों से लगवाए 28 लाख
मजीठा निवासी सुखवंत कौर ने बताया कि उन्होंने कंपनी की योजनाओं सुनकर अपने 3 लाख रुपये निवेश किए थे। बाद में उन्होंने अपने करीबियों और रिश्तेदारों के 25 लाख रुपये भी निवेश करवाए। अब रिश्तेदार उन्हें परेशान कर रहे हैं।
लोगों के निवेश करवाए 45 लाख
कादिया निवासी पायल ने बताया कि उन्होंने अपने हिस्से की कुछ जमीन बेचकर उक्त कंपनी में 10 लाख रुपये इनवेस्ट कराए थे। इसके बाद उन्होंने घर घर जाकर लोगों के 31 लाख रुपये उक्त कंपनी में निवेश करवा दिए। अब कंपनी के दफ्तर पर ताले लगे हैं और लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं।
रिश्तेदारों के जमा करवाए थे 90 लाख
तरनतारन के नौशहरा पन्नुआं गांव निवासी डॉ. जगजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने और रिश्तेदारों के उक्त कंपनी में 90 लाख रुपये निवेश करवाए हैं। आज कंपनी सारे पैसे लेकर फरार हो गई है। उत्तराखंड की जेल में बंद है आरोपित रविदर सिद्धू
बार प्रधान प्रदीप सैनी ने बताया कि सारे घोटाले का किगपिन रविदर सिंह साढ़े तीन लाख रुपयों की ठगी में उत्तराखंड के रायपुर जिले की जेल में बंद है। उसके कारिदे रविदर को विदेश भेजने के लिए दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। प्रधान ने दावा किया है कि उक्त आरोपितों पर मोहाली में आठ करोड़, लुधियाना और अंबाला में भी ठगी का मामला दर्ज हो चुका है।