सदा सुहागिन रहना है.. तो क्या आपके पति ने हेल्मेट पहना है
सदा सुहागिन रहो का आशीर्वाद देने के लिए सोशल वेलफेयर हेल्थ केयर सोसाइटी खेमकरण के सदस्यों ने अनूठा प्रयास किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : हर सुबह घर से काम पर जाने वाले पति को जरूरी सामान देने वाली पत्नी हमेशा यह सोचती है कि आज कुछ रह तो नहीं गया। मोबाइल, पर्स, टिफिन, चाबी सब साथ तो ले गए होंगे। हालांकि अकसर वह यह नहीं देखतीं कि उनके पति ने हेल्मेट पहना है या नहीं। करवाचौथ के दिन पति की दीर्घायु के लिए पूरा दिन निराहार रहने वाली पत्नियों को 'सदा सुहागिन रहो' का आशीर्वाद देने के लिए सोशल वेलफेयर हेल्थ केयर सोसाइटी खेमकरण के सदस्यों ने अनूठा प्रयास किया।
दरअसल, संस्था के सदस्य लॉरेंस रोड पर हेल्मेट लेकर पहुंचे। दोपहिया वाहन ज्यादातर चालकों ने हेल्मेट नहीं पहना था। ऐसे लोगों को सदस्यों ने रोका और पीछे बैठी उनकी पत्नी को हेल्मेट पकड़ाते हुए कहा, 'मैडम! आपने आज करवाचौथा का व्रत रखा होगा। ईश्वर आपके पति को लंबी आयु दे, पर आपके पति ने हेल्मेट नहीं पहना। यह उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। सड़क पर दोपहिया वाहन चलाते समय कुछ भी हो सकता है। आपके पति किसी भी कारण से अचानक नीचे गिर सकते हैं और यदि उनके सिर पर चोट लग जाए तो क्या होगा, यह आप जानती होंगी। ये लीजिए हेल्मेट और इन्हें पहनाइए।' संस्था ने 100 से अधिक महिलाओं को हेल्मेट दिए, जिन्होंने अपन हाथों से पतियों को पहनाए। संस्था के अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि हमने ट्रैफिक पुलिस से बात कर यह प्रयास किया है। हमारे साथ एडीसीपी ट्रैफिक जसवंत कौर भी आईं। हमने 125 महिलाओं को हेल्मेट देकर उनके पतियों की दीर्घायु की कामना की है। इस अवसर पर संस्था के सदस्य गगनदीप सिंह, सुनील कुमार, सुमंत, हरबीर सिंह, विशालदीप शर्मा, रोहित शर्मा आदि उपस्थित थे।
मैं तो इन्हें बार-बार टोकती हूं
हेल्मेट पहने बिना दोपहिया वाहन चला रहे एक शख्स को संस्था के सदस्यों व पुलिस ने रोका। वाहन चालक घबरा गया। पीछे बैठी उसकी पत्नी नीचे उतरी और पति से बोली, मैंने आपको कितनी बार कहा है कि हेल्मेट पहना करो, लो आज पुलिस चालान कर रही है। इस पर संस्था के अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि मैडम हम चालान नहीं कर रहे। आपको हेल्मेट दे रहे हैं, जो आप अपने पति को पहनाओ। साथ ही यह सुनिश्चित करो कि जब भी वे घर से निकलें, हेल्मेट लेकर ही जाएं। महिला बोली, मैं तो इन्हें बार-बार टोकती हूं कि हेल्मेट पहनो, पर मानते नहीं। कल से मैं इन्हें हेल्मेट देकर ही घर से निकलने दूंगी।