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चुनावी कसरत खत्म, रिलैक्स मोड पर प्रत्याशी

लोकसभा चुनाव के भारीभरकम शेड्यूल से निकलते ही सियासी पार्टियों के प्रत्याशी साइलेंट मोड पर आ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 11:49 PM (IST)
चुनावी कसरत खत्म, रिलैक्स मोड पर प्रत्याशी

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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लोकसभा चुनाव के भारीभरकम शेड्यूल से निकलते ही सियासी पार्टियों के प्रत्याशी 'साइलेंट मोड' पर आ गए हैं। 19 मई तक चले चुनावी शोर से दूर मतदान खत्म होते ही प्रत्याशी आज अपनों की शरण में दिखे। किसी ने महीनों बाद परिवार संग अपना दिन बिताया तो किसी ने पार्टी वर्करों से वोटों की फीडबैक लेते हुए मतदान के आंकड़ों को समझने का प्रयास किया। दो माह चली चुनावी कसरत की थकान उतारने की कवायद में कोई पीछे नहीं रहा और सुकून के लिए हर किसी ने अपने ढंग से आज का दिन प्लान किया।

सबसे लंबी चुनावी दौड़ कांग्रेस प्रत्याशी व निवर्तमान सांसद गुरजीत सिंह औजला की रही। पहले उन्हें जनवरी से ही पार्टी टिकट के लिए अपनों से जूझना पड़ा। दिल्ली-चंडीगढ़ की दौड़ के बाद आखिर 2 अप्रैल को उनके नाम पर कांग्रेस हाईकमान ने मोहर लगाने के साथ ही वह चुनाव में डट गए। अपनों को मनाने, चुनावी बैठकें, रैलियों के लंबे चौड़ी शेड्यूल का आलम यह रहा कि लगभग तीन माह वह पूरी तरह से परिवार से दूर रहे। चुनाव निपटते ही आज वह अपने परिवार पिता सरबजीत सिंह औजला, माता गुरमीत कौर, पत्नी अंदलीग औजला, बेटा बाबर सिंह औजला, बेटी निगत औजला और भाई सुखजिदर सिंह औजला व भाभी हरजोत औजला और भाई की छोटी बेटी गुलाल के साथ बिताया। उनके साथ नाश्ता किया और बाद में पूरा परिवार रणजीत एवेन्यू स्थित एक रेस्टोरेंट में कॉफी पीने भी गया। गुलाल के साथ उनके खिलौनों से औजला भी खेले और खूब इंज्वाय किया। औजला ने बताया कि क्योंकि उनका परिवार सियासी नहीं है और माता जी कभी अकेले नहीं रहे, पर इस बार लंबा समय उन्हें परिवार से दूर रहना पड़ा। परिवार का पूरा साथ मिला है और चुनाव परिणाम में परिवार की मेहनत भी दिखाई देगी। माता जी गुरमीत कौर ने बताया कि चुनाव का भारीभरकम शेड्यूल होने की वजह से पूरा परिवार गुरजीत को मिस करता रहा है। आज जब सभी इकट्ठे बैठे हैं तो सभी को सुकून मिला है।

प्रचार खत्म होने के बाद ही रिलैक्स मोड में आ गए थे पुरी

भाजपा-शिअद ने 2004 में पैराशूटर से नवजोत सिंह सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट पर उतारा था। सिद्धू के जाने के बाद भाजपा अमृतसर सीट पर लगातार प्रयोग करती ही दिखाई दे रही है। इस बार भी स्थानीय नेता की जगह भाजपा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को ही बतौर सिख फेस फील्ड में उतारना उचित समझा। भाजपा ने 21 अप्रैल को पुरी को अमृतसर से अपना प्रत्याशी बनाया। 28 दिन के चुनावी सफर में उतरने के लिए पुरी अमृतसर पहुंचे और अपने तामझाम के साथ उन्होंने चुनावी तैयारी शुरू कर दी। चुनाव प्रचार के लिए कम दिन मिलने की वजह से पुरी ने पूरी ताकत चुनावी रण में झोंक दी। यही वजह रही कि 17 मई को चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद से ही वह रिलैक्स मूड में आ गए। परिवार व सहयोगियों संग शहर के खाने का स्वाद चखने के अलावा शहीदा साहिब व 19 को सुबह श्री दरबार साहिब माथा टेका। चुनाव खत्म होते ही सोमवार सुबह पुरी पत्नी लक्ष्मी पुरी के साथ दिल्ली रवाना हो गए। 21 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है, जिसमें पुरी ने शिरकत करनी है।

उधर, धालीवाल ने शुरू कर दी 2022 की तैयारी

उधर, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप सिंह धालीवाल ने अपने वर्करों संग समय बिताकर चुनावी थकान उतारी। धालीवाल को फरवरी में ही आप प्रत्याशी के रूप में घोषित कर दिया गया था। चुनाव निपटते ही आज सुबह वह भंडारी पुल स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्कीट में बने हुए पार्टी आफिस में पहुंचे। बड़ी संख्या में वर्कर वहां मौजूद थे। पूरी चुनावी कसरत पर उन्होंने वर्करों की फीडबैक ली और चुनाव किस करवट जाएंगे, इस पर गहनता से समीक्षा की। धालीवाल ने बताया कि जिन साथियों ने पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है, उनके साथ चुनावी थकान उतारने का मजा ही कुछ अलग है। आज सभी चाहे लाइट मूड में बैठे हैं, पर हमने 2019 का चुनाव निपटने के साथ ही 2022 की तैयारी शुरू कर दी है।

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