आतंकवाद के दौर में मारे गए लोगों की यादगार बनाने को तैयार महासभा
हिन्दू महासभा ने श्री दुग्र्याणा प्रबंधक कमेटी के समक्ष यादगार बनाने का प्रस्ताव रखा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: श्री दुग्र्याणा प्रबंधक कमेटी द्वारा बनाई जाने वाली आतंकवाद के दौर में मारे गए निर्दोष हिदुओं की यादगार को बनाने के लिए अखिल भारत हिन्दू महासभा आगे आई है। महासभा ने कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल करके वह कमेटी को सौंपने के लिए तैयार है। महासभा ने यह प्रस्ताव श्री दुग्र्याणा तीर्थ के अध्यक्ष पंडित रमेश शर्मा के साथ बैठक के दौरान रखा। इस दौरान श्री दुग्र्याणा मंदिर के सारे खजाने की डिटेल को हिन्दू समाज के समक्ष व मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन करने की मांग की है ताकि समुदाय को पता चल सके कि ठाकुर जी का खजाना क्या है। इसके साथ पंजाब में हिदुओं को आ रही मुश्किलों को लेकर भी चर्चा की गई। महासभा के उपाध्यक्ष एडवोकेट गगन भाटिया के नेतृत्व में हिन्दू महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने दुग्र्याणा कमेटी के अध्यक्ष रमेश शर्मा के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि श्री दुग्र्याणा कमेटी ने कुछ वर्ष पहले एक प्रस्ताव पारित किया था कि पंजाब में आतंकवाद के दौरान हजारों की संख्या में पंजाब में हिन्दुओं, पुलिस कर्मचारियों और निर्दोष लोगों का कत्लेआम कर दिया था। इनकी याद में एक भव्य यादगार श्री दुग्र्याणा तीर्थ में स्थापित की जाएगी। परंतु अभी तक इस यादगार को स्थापित नहीं किया गया है। अगर दुग्र्याणा कमेटी इस यादगार को नहीं बनवा सकती तो अखिल भारत हिन्दू महासभा खुद कारसेवा से करके इसे श्री इसे तीर्थ को सौंपने के लिए तैयार है। वहीं अमृतसर जिले में बढ़ रही लवारिस गायों की बढ रही संख्या में चर्चा की गई। बैठक के दौरान श्री दुग्र्याणा कमेटी के पदाधिकारियों के साथ साथ अखिल भारत हिन्दू महासभा के राज्य प्रभारी शिव कुमार प्रेम, राज कुमार शर्मा, संजीव चोपडा, रमन उप्पल, रश्मी भारद्वाज, अभै गौतम आदि भी मौजूद थे।
आतंकवाद प्रभावितों के लिए मिलकर करेंगे काम
दुग्र्याणा कमेटी के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने आश्वासन दिया कि दुग्र्याणा कमेटी जल्दी ही अमृतसर में एक गोशाला का नवनिर्माण करके बेसहारा गायों की संभाल का प्रोजेक्ट शुरू करेगी। बैठक में आतंकवाद प्रभावितों को दिल्ली तर्ज पर सुविधाएं व अनुदान राशि दिलवाने के लिए दोनों संगठनों ने एकजुट होकर केंद्र व राज्य सरकार से बातचीत करने का फैसला लिया है।