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मन से अपनाएं राष्ट्रीय भाषाओं को, लकीर की फकीरी नहीं: प्रो. चावला

। पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिदी को राष्ट्रीय भाषा का स्थान दिए जाने के कारण पूरे देश में हिदी दिवस मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 11:52 PM (IST)
मन से अपनाएं राष्ट्रीय भाषाओं को,  लकीर की फकीरी नहीं: प्रो. चावला
मन से अपनाएं राष्ट्रीय भाषाओं को, लकीर की फकीरी नहीं: प्रो. चावला

संवाद सहयोगी, अमृतसर

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पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिदी को राष्ट्रीय भाषा का स्थान दिए जाने के कारण पूरे देश में हिदी दिवस मनाया जाता है।

हिदी दिवस मनाने वालों लोगों से उन्होंने पूछा कि क्या वह अपने हस्ताक्षर हिदी या किसी हिदुस्तानी भाषा में करते हैं। अपने घर या दुकान के बाहर किसी भारतीय भाषा में नामपट करते हैं। बैंकों का काम, लेन देन भारतीय भाषाओं में करते हैं। अगर यह नहीं करते तो केवल मंच सजाकर हिदी दिवस की बधाई के संदेश भेजकर या भाषण देकर हिदी दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार भी अपने काम की समीक्षा करे। अगर अमृतसर के जबरदस्ती बनाए गए विरासती बाजार से ही हिदी को धक्के मारकर निकाल दिया तो फिर सरकार को हिदी दिवस के विज्ञापन देने या भाषण देने का कोई अधिकार नहीं, किस मुंह से सरकार हिदी दिवस का संदेश देगी।


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