पराली जलाने से रोकेंगे 777 गांवों में 776 नोडल अधिकारी
आंदोलन की आड़ में कुछ किसानों ने पराली को आग लगाना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने गांव स्तर पर पराली जलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कमेटियां गठित करनी शुरू कर दी है। 777 गांवों में 776 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : आंदोलन की आड़ में कुछ किसानों ने पराली को आग लगाना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने गांव स्तर पर पराली जलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कमेटियां गठित करनी शुरू कर दी है। 777 गांवों में 776 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। पिछले तीन दिनों में पराली जलाने की सैटेलाइट से 55 रिपोर्टे मिली हैं।
डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि जिला में खेत में पराली जलाने वाली प्रत्येक स्थल पर सेक्टर अधिकारी पहुंचेंगे। खेत में पराली को आग लगाने वाले किसानों के चालान किए जाएंगे और उनकी जमीनों के रिकार्ड में रेड इंट्री दर्ज की जाएगी। डीसी ने शुक्रवार को यह योजना लागू करने के लिए अपने कार्यालय में अधिकारियों की बैठक भी की। खैहरा ने कहा कि इसके लिए गांव स्तर पर टीमें गठित कर दी गई हैं। सेक्टर अधिकारी खेत में पराली को आग लगाए जाने की सूचना के तुरंत बाद मौके पर पहुंच कर रिपोर्ट करेगा। इसके लिए नोडल अधिकारियों और सेक्टर अधिकारियों को सख्त हिदायतें जारी कर दी गई हैं। ताकि किसानों को पराली जलाने से रोका जा सके।
अमृतसर में पहले शुरू होती है धान की कटाई
पूरे पंजाब में सबसे पहले धान की कटाई अमृतसर में शुरू होती है और कई किसान सब्जी बीजने के चक्कर में पराली को खेत में ही आग लगाने के प्रयास करते हैं। इस वक्त धान की 1905 अगेती किस्म की कटाई शुरू हो गई है। उन्होंने इस पर सभी एसडीएम, नायब तहसीलदार, ब्लाक खेतीबाड़ी अधिकारियों और माल विभाग के सर्कल अधिकारियों के साथ वीडियो कांफेंस के जरिए मीटिग की और निर्देश दिए कि वे अपने इलाकों में की गई योजनाबंदी के तहत प्रत्येक सेक्टर अधिकारी पर नजर रखें। पांच ब्लाक सबसे संवेदनशील : बल
जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ.गुरदयाल सिंह बल ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी गांव में पराली जलाने वाले किसानों की रिपोर्ट तैयार करके जिला प्रशासन और एसडीएम को भेज रहे है, ताकि कार्रवाई हो सके। किसानों को ब्लाक कृषि अधिकारियों की ओर से पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सबसे संवेदनशील क्षेत्र तरसिक्का, अजनाला, लोपोके, अटारी और जंडियाला आदि ब्लाक है। आग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट की मदद ली जा रही है। जिस में कृषि विभाग, प्रदूषण कंट्रोल विभाग और मौसम विभाग का आपसी तालमेल बनाया गया है।