जोड़ा रेलवे फाटक हादसा: अस्टेट अफसर और सुपरिटेंडेंट की पदोन्नति रोकी, दो की पेंशन में कटौती
अक्टूबर 2018 में दशहरे की शाम जोड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए 59 लोगों के मामले में पंजाब सरकार ने नगर निगम के दो अधिकारियों सहित चार लोगों पर कार्रवाई की है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: अक्टूबर 2018 में दशहरे की शाम जोड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए 59 लोगों के मामले में पंजाब सरकार ने नगर निगम के दो अधिकारियों सहित चार लोगों पर कार्रवाई की है। सरकार के सचिव अजोये कुमार सिन्हा ने आदेश में घटना के दौरान विभाग में तैनात अस्टेट अफसर सुशांत भाटिया और सुपरिटेंडेंट पुष्पिदर सिंह की दो साल की तरक्की रोक दी है। सुपरिटेंडेंट गरीश कुमार (सेवानिवृत्त) व इंस्पेक्टर केवल कृष्ण (सेवानिवृत्त) की पेंशन में से दो साल तक पांच फीसद राशि की कटौती करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा कश्मीर सिंह पर आरोप साबित नहीं होने पर उनके खिलाफ जारी की गई चार्जशीट रोकने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि इन लोगों ने कार्यक्रम की मंजूरी देने से पहले मौके पर जाकर तय मापदंडों को चेक नहीं किया और नियमों के उल्लंघन में लापरवाही बरती गई। यह है मामला
साल 2018 में दशहरे की शाम जोड़ा फाटक पर कांग्रेस नेता मिट्ठू मदान की तरफ से अपने समर्थकों के साथ दशहरा दहन का कार्यक्रम करवाया जा रहा था। इस बीच एकाएक डीएमयू के आने पर 59 लोगों की कटकर मौत हो गई थी। सौ से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। जीआरपी ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था, लेकिन डेढ़ साल तक किसी को नामजद नहीं किया। आरोप है आरोपित मिट्ठू मदान ने अपनी पहुंच के बल पर मजिस्ट्रेट की जांच को दबा दिया था, लेकिन मामले की पैरवी कर रहे मानवाधिकार संगठन के चीफ इन्वेस्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था। मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है। जांच एजेंसी (जीआरपी) ने यहां तक लिख दिया था कि मिट्ठू को गिरफ्तार नहीं कर सकते। आरोपित शहर की कानून व्यवस्था को खराब कर सकता है।