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निर्मल कुटिया जौहलां का विवाद गहराया, भेख ने नया मुखी नियुक्त करने का दिया संकेत

श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के साथ-साथ पंचायती अखाड़ा निर्मल हरिद्वार के प्रबंधकों के आदेशों का भी पालन न होने के कारण अब अखाड़ा की जौहलां स्थित कुटिया में नया मुखी लगाने के संकेत दे दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 11:49 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 11:49 PM (IST)
निर्मल कुटिया जौहलां का विवाद गहराया, भेख ने नया मुखी नियुक्त करने का दिया संकेत
निर्मल कुटिया जौहलां का विवाद गहराया, भेख ने नया मुखी नियुक्त करने का दिया संकेत

जागरण संवाददाता, अमृतसर : निर्मल कुटिया जौहलां के मुख्य सेवादार की जिम्मेवारी को लेकर पैदा विवाद अब गहरा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के साथ-साथ पंचायती अखाड़ा निर्मल हरिद्वार के प्रबंधकों के आदेशों का भी पालन न होने के कारण अब अखाड़ा की जौहलां स्थित कुटिया में नया मुखी लगाने के संकेत दे दिए गए हैं। पंचायती अखाड़ा निर्मल हरिद्वार के महंत ज्ञान देव सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कुटिया के मौजूदा प्रबंधकों की ओर से पहले जारी हुए आदेशों का पालन न किया गया तो निर्मल कुटिया जौहलां में नया मुखी नियुक्त कर दिया जाएगा। इस संबंधी हाल में ही 31 जनवरी, 2020 को हरिद्वार स्थित अखाड़ा की ओर से पत्र जारी किया गया है। यह पत्र कुटिया के संत जीत सिंह और कुटिया के सहायक संत जसपाल सिंह ने भी प्राप्त कर लिया है।

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कुटिया के प्रबंधों को देखने को लेकर संत जीत सिंह और संत जसपाल सिंह के बीच काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। अखाड़ा की ओर से संत जीत सिंह की जगह पर संत जसपाल सिंह को कुटिया के प्रबंध देखने को कहा गया था। इस संबंधी आदेशों की प्रति श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को भी भेजी गई थी। अखाड़ा के पत्र में संत जीत सिंह को स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि 15 दिनों के भीतर कुटिया की सेवाएं संत जसपाल सिंह को सौंप दी जाए। परंतु संत जीत सिंह ने प्रबंधों पर कब्जा जमाए रखा। यह मामला दोबारा श्री अकाल तख्त साहिब पर भी पहुंचा था।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने 26 नवंबर, 2018 को एक आदेश जारी करके कुटिया के सहायक संत जसपाल सिंह को प्रबंध देखने के आदेश दिए थे। इन आदेशों की प्रतियां हरिद्वार स्थित अखाड़ा के मुख्यालय और संत जीत सिंह को भी भेजी गई थी। परंतु संत जीत सिंह ने सहायक संत जसपाल सिंह को ही हटा दिया। संत जसपाल सिंह की जगह पर संत गुरमीत को सहायक नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद दोबारा श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल हरिद्वार ने आदेश जारी कर संत जीत सिंह को स्पष्ट किया था कि संत जीत सिंह के पास किसी भी तरह कुटिया के सहायक संत को हटाने या रखने का अधिकार नहीं है। यह अधिकारी सिर्फ अखाड़ा के मुख्य कार्यालय के पास है। इसलिए गुरमीत सिंह की जगह दोबारा संत जसपाल सिंह को सहायक की सेवाएं प्रदान की जाएं।

श्री पंचायती अखाडा हरिद्वार में हुई भेख की बैठक में फिर फैसला लिया गया है कि अगले आदेशों पर सहायक संत जसपाल सिंह को कुटिया की सेवाएं सौंपी जाएं। अगर भेख के आदेशों का पालन नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में अखाड़ा अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्मल कुटिया जौहलां का नया मुखी नियुक्त कर सकता है।


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