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शाहीन बाग की तर्ज पर पक्का मोर्चा शुरू कर धरना दे रहे 15 लोगों को पुलिस ने उठाया

। वामपंथी संगठनों के समर्थन से मुस्लिम अनुसूचित जातियों व ईसाई संगठनों ने शहीन बाग की तर्ज पर अमृतसर के भंडारी पुल पर सुबह सीएए एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 12:57 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 01:02 AM (IST)
शाहीन बाग की तर्ज पर पक्का मोर्चा शुरू कर   धरना  दे रहे 15 लोगों को पुलिस ने उठाया
शाहीन बाग की तर्ज पर पक्का मोर्चा शुरू कर धरना दे रहे 15 लोगों को पुलिस ने उठाया

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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वामपंथी संगठनों के समर्थन से मुस्लिम, अनुसूचित जातियों व ईसाई संगठनों ने शहीन बाग की तर्ज पर अमृतसर के भंडारी पुल पर सुबह सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। दिन भर पुलिस प्रशासन प्रदर्शनकारियों को धरना उठाने के लिए कहता रहा। जब वे नहीं माने तो देर शाम डीसीपी जगमोहन सिह, एसपी हरजीत सिह , एसपी हरपाल सिंह, डीएसपी (डी) जतिदर सिंह व पुलिस अधिकारियों गगनदीप और नीजर कुमार के नेतृत्व में पहुंची पुलिस बल ने धरने पर बैठे 15 प्रदर्शनकारियों को उठा लिया और थाना छेहरटा में ले गए। वहां आरोपितों के नाम पर पते दर्ज करके देर शाम को छोड़ दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी अगर दोबारा पक्का मोर्चा शुरू करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भंडारी पुल पर प्रदर्शनकारियों की ओर से स्थायी धरना शुरू करने के लिए लगाए टेंट भी उतार दिए गए।

प्रदर्शनकारी सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वह कुछ दिनों के बाद दोबारा अधिक शक्ति से आंदोलन शुरू करेंगे।

भंडारी पुल पर दिए जा रहे धरने में शामिल बसपा नेता रोहित खोखर ,फूले आंबेडकर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के रविदर हंस, भारतीय मूल समाज मोर्चा और मुस्लिम भाईचारे के कार्यकर्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की ओर से सीएए , एनआरसी व एनपीआर को आम जनता पर उसकी मर्जी के खिलाफ लागू किया जा रहा है। इससे देश के अलग-अलग धर्मों के लोगों में मतभेद पैदा होने के साथ-साथ आपसी भाईचारक सांझ भी प्रभावित होगी। इसलिए इन कानूनों को लागू किए जाने से रोका जाना जरूरी है। शहीन बाग की तर्ज पर अमृतसर में भी स्थायी मोर्चा शुरू किया जा रहा था। जिसमें हस्तक्षेप करके पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उठा लिया और धरना बंद करवा दिया गया।

उन्होंने कहा कि अगर यह कानून लागू होते हैं तो आम लोगों के संवैधानिक अधिकारों का भी हनन होगा। देश के लोगों में आज डर का माहौल है। सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस दौरान अलग-अलग संगठनों के नेता सुमित काली, सुनील मट्टू, मोहम्मद यूसफ, पंजाब सिंह , हरपाल सिह, लव बिबोरिया, जगदीश जग्गू, राज कुमार हंस और जगदीश भगत आदि मौजूद थे।


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