ग्राहक बनकर आए लुटेरों ने गोलियां चलाकर गणपति ज्यूलर्स में की लूटपाट
गणपति ज्यूलर्स के स्टाफ को बंधक बना लिया और 3.50 लाख के गहने और 37 हजार रुपये नकद लूट लिए।
जागरण संवाददाता, छेहरटा. अमृतसर : खंडवाला स्थित पिशोरी कैंप के पास लुटेरा गिरोह के सदस्यों ने शनिवार की शाम गोलियां चलाकर गणपति ज्यूलर्स के स्टाफ को बंधक बना लिया और 3.50 लाख के गहने और 37 हजार रुपये नकद लूट लिए। आरोपितों ने वारदात को अंजाम देने के लिए सारे स्टाफ के साथ मारपीट की। इसके बाद पांच आरोपित गोलियां चलाते हुए दो बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। एसीपी देवदत्त शर्मा और छेहरटा थाना प्रभारी राजविदर कौर ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। एसीपी ने बताया कि फोरेंसिक टीम को घटनास्थल से कई अहम सुराग मिले हैं।
गणपति ज्यूलर्स राकेश कुमार ने बताया कि वह पिछले कई साल से पिशोरी कैंप में अपनी गहनों की दुकान चला रहे हैं। शनिवार शाम वह अपने मुलाजिम सरबजीत सिंह के साथ दुकान पर बैठे हुए थे। इस बीच दो बाइक पर सवार पांच युवक उनकी दुकान के अंदर घुस आए और गहने दिखाने के लिए कहने लगे। राकेश ने बताया कि इनमें से दो युवक शुक्रवार को भी उनके पास गहने खरीदने पहुंचे थे, लेकिन पसंद नहीं आने के कारण वह कुछ खरीदे बगैर ही लौट गए। जब तक सरबजीत उठकर कुछ दिखा पाता आरोपितों ने दोनों (मालिक-मुलाजिम) को बंधन बनाना शुरु कर दिया। एक युवक ने काउंटर के उपर रखी दो ट्रे उठा ली। उसमें लगभग 3.50 लाख रुपये के गहने रखे हुए थे। एक लुटेरे ने गल्ले में रखे 37 लाख रुपये निकाल लिए और मारपीट करने लगे। लुटेरों ने सारा सामान समेट लिया और पैसे जान से मारने की धमकियां देकर फरार हो गए। राकेश कुमार ने बताया कि जब उन्होंने लुटेरों का पीछा करने का प्रयास किया तो वह दुकान के बाहर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर फरार हो गए।
गहनों की भरी तीन ट्रे पहले संभाल ली थी सरबजीत ने
वारदात से कुछ देर पहले सरबजीत सिंह ने शोरूम के अंदर लगे काउंटर पर रखी गहनों से भरी तीन ट्रे को पहले ही संभाल लिया था। हालांकि यह गहने भी दो ट्रे के साथ काउंटर पर पड़ी रहती तो कारोबारी का ज्यादा नुकसान हो सकता था। घटना के बाद इलाके में काफी दशहत का माहौल था। प्रत्येक दुकानदार छेहरटा पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा था।
थाना प्रभारी ने फुटेज देने पर धमकाया
छेहरटा क्षेत्र में बढ़ रहे अपराध को रोकने में विफल रहने और बड़े अधिकारियों की लताड़ से परेशान थाना प्रभारी राजविदर कौर ने मौके पर पहुंच कर कवरेज कर रहे पत्रकारों को धमकाना शुरू कर दिया। कुछ सोचे-समझे बगैर चेतावनी दे डाली कि अगर लुटेरे नहीं पकड़े गए तो मीडिया जिम्मेदार होगा। कानून व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह से विफल रही थाना प्रभारी ने कह दिया कि मीडिया अपराधियों की पहचान बताकर उन्हें अंडरग्राउंड होने में सहायता करता है। इसके बाद थाना प्रभारी ने डीवीआर की फुटेज तक देने से इनकार कर दिया। यही नहीं आसपास के दुकानदारों को भी चेतावनी दी कि अगर किसी ने मीडिया को फुटेज मुहैया करवाई तो उसकी खैर नहीं होगी।
मीडिया की सहायता से पकड़े जाते हैं अपराधी : हिदू महासभा
उधर, अखिल भारत हिदू महासभा के जिलाध्यक्ष राज कुमार, उपाध्यक्ष हरिकृष्ण अरोड़ा और शिव कुमार ने बताया कि मीडिया की सहायता से ही पुलिस अपराधियों तक पहुंचती है। अगर पुलिस घटना के बाद फुटेज वायरल कर दे तो वहीं फुटेज छपने के बाद अपराधी जल्द पकड़े जाते हैं। अगर ऐसा ना हो तो वारदात को अंजाम देने वाले आम जनता के बीच में ही घूमते रहते हैं और नई वारदात को अंजाम देने की योजना बनाते हैं। थाना प्रभारी को अपनी सोच बदलनी चाहिए।
लूटपाट की वारदातें बढ़ीं
12 फरवरी की रात आइडीएच मार्केट में पिस्तौल दिखा 3.50 लाख लूटे।
4 फरवरी को सी डिवीजन क्षेत्र में गोलियां चलकार एक्टिवा लूटी।
3 फरवरी की रात फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर कुलविदर सिंह को गोली मारकर जख्मी कर दिया था। आरोपितों ने कुलविदर से कार लूटने का प्रयास किया था।
30 जनवरी की रात आरोपितों ने पिस्तौल दिखाकर सदर क्षेत्र से लक्ष्य कुमार से उसकी आइ-20 कार लूट ली थी।
31 जनवरी की रात गुरप्रीत सिंह को पिस्तौल दिखाकर टवेरा लूट ली।