जापान में जीत का परचम लहरा कर गांव लौटी पंजाब की बेटी
। एफआइएच महिला सीरीज में जापान को हराने में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य गुरजीत कौर बुधवार को बाद दोपहर घर लौटीं।
अमन देवगन, अजनाला
एफआइएच महिला सीरीज में जापान को हराने में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य गुरजीत कौर बुधवार को बाद दोपहर घर लौटीं। राजासांसी एयरपोर्ट पर पहुंचने पर जहां केवल परिजनों ने उसका स्वागत किया, वहीं पूरे रास्ते में जगह-जगह प्रशंसकों ने गुरजीत कौर का गर्मजोशी के साथ अभिनंदन किया।
अफसोस की बात यह रही कि जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने गुरजीत कौर के स्वागत में शामिल होने की जहमत नहीं उठाई। गौरतलब है कि अजनाला के गांव मयादिया कला की रहने वाली व भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य गुरजीत कौर ने भारत व जापान के बीच हुई तीन मैचों की श्रृंखला में भारत को 2-1 से जिताने में अहम भूमिका निभाई। वह घर पहुंचने के लिए जैसे ही राजासांसी एयरपोर्ट से बाहर निकली तो वहां परिजनों के साथ मौजूद पिता सतनाम सिंह ने बेटी का माथा चूम उसे गले लगाकर मुबारकबाद दी। सतनाम सिंह ने गर्व से कहा कि बेटी तुम अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही हो।
एयरपोर्ट से घर तक करीब 25 किलोमीटर के रास्ते में कई लोगों व क्लबों की ओर से गुरजीत कौर का स्वागत कर बधाई दी गई। गांव मयादिया कला स्थित गुरजीत कौर के घर में जश्न जैसा माहौल था। पूरा परिवार व गांव के लोग गुरजीत कौर पर फख्र महसूस कर रहे थे।
दैनिक जागरण से बातचीत में गुरजीत कौर ने बताया कि इस टूर्नामेंट में पूरी टीम का लक्ष्य था कि जापान को हराना है, जो हमारी टीम ने करके दिखा दिया। मैं जो अपनी टीम और देश के लिए करना चाहती हूं, वह कर रही हूं। टीम का अगला लक्ष्य है ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है जिसके लिए हमारी पूरी टीम तैयार है। गुरजीत को पंजाब में डीएसपी का पद दिया जाए : सतनाम सिंह
हाकी खिलाड़ी गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह ने कहा कि उनकी बेटी घर से बाहर दूर इलाहाबाद में नौकरी कर रही है। जिस कारण वह घर आकर परिजनों से अच्छी तरह मिल भी नहीं पाती। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी बेटी को पंजाब पुलिस में डीएसपी रेंक देकर उसकी पंजाब में नियुक्ति की जाए। जिला प्रशासन से स्वागत करने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा भारतीय हाकी महिला टीम जैसे ही जापान की टीम को हरा कर नई दिल्ली पहुंची तो नई दिल्ली में खेल मंत्री किरण रिजिजू ने पूरी टीम का स्वागत किया। लेकिन इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाली गुरजीत कौर के घर पहुंचने पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनका स्वागत करना मुनासिब नहीं समझा। इस संबंध में बात करने के लिए डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों को आठ बार काल की गई लेकिन उन्होंने काल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
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