शहर में तीन हत्याओं सहित 29 वारदातें करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : महानगर में तीन हत्याएं, छह हत्या का प्रयास, दर्जनभर लूटपाट और आधा दर्जन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से एक पिस्तौल, तीन जिदा कारतूस, एक देसी कट्टा, तीन राउंड, दातर, दो सोने की अंगूठियां और एक बाइक बरामद हुई है। पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि सीआइए स्टाफ में हुई पूछताछ में आरोपित दलजीत सिंह ने 29 वारदातें कबूली हैं। इसके अलावा आरोपित दलजीत सिंह और हरपाल सिंह के खिलाफ जालंधर और लुधियाना में भी केस दर्ज हैं।
पुलिस लाइन में मंगलवार की शाम आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव, डीसीपी मुखविदर सिंह भुल्लर और डीसीपी जगमोहन सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि सुल्तानविड रोड स्थित ईस्ट गोबिद नगर निवासी दलजीत सिंह उर्फ राजबीर सिंह उर्फ काका, कोट मित्त सिंह निवासी हरपाल सिंह उर्फ हीरा और बटाला रोड के प्रकाश विहार निवासी सुरेश कुमार उर्फ मणि बाइक पर किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। छेहरटा इलाके में नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने तीनों को धर लिया। पूछताछ में दलजीत सिंह ने बताया कि वह अमृतसर में साल 2011 और 2012 में तीन हत्याओं को अंजाम दे चुका है। उक्त हत्याएं आज तक पुलिस के लिए अनट्रेस थीं।
ये वारदातें कबूलीं
-13 अक्तूबर 2012 : सुल्ताविड क्षेत्र में हेड कांस्टेबल गुरदीप सिंह की गोली मारकर हत्याकी।
-29 अप्रैल 2011 : सदर इलाके में एक युवक की गोली मारकर हत्या की।
-28 अप्रैल 2011 : सिविल लाइन क्षेत्र में एक युवक की गोली मारकर हत्या की।
-साल 2011 : जालंधर से अमृतसर लौट रहे इंस्पेक्टर चंदन कुमार को गोली मारकर जख्मी कर दिया। इंस्पेक्टर की पिस्तौल छीन कर दलजीत और उसका साथी फरार हो गए थे।
-साल 2011 में गी आई-20 कार चोरी की जो एलिवेटिड रोड पर पलट गई। फिर एक व्यक्ति से बाइक लूटकर फरार हो गए।
-साल 2011 में ही एक्सिस बैंक की कैश वैन के गार्ड को गोली मारी।
-साल 2011 में मजीठा रोड पर फिर कैश ले जा रही बैंक के गार्ड को गोली मार कैश लूटा।
-इसके अलावा कई और वारदातें तीनों आरोपितों ने कबूल की हैं। दलजीत को नवंबर 2012 में मिली थी जमानत
सीपी ने बताया कि आरोपित दलजीत सिंह उर्फ काका को कैंटोनमेंट थाने की पुलिस ने लूटपाट के मामले में गिरफ्तार किया था। वह नवंबर 2018 में किसी तरह जमातन से छूट गया। हालांकि इस बाबत पुलिस को कानोंकान खबर नहीं हुई। पुलिस का खुफिया तंत्र अगर सक्रिय रहता तो आरोपित गैंगस्टर के अदालत से जमानत मिलना कठिन हो सकता था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप