रिहायशी प्लाट की मंजूरी ले बनाईं 127 दुकानें, मुख्य विजिलेंस अधिकारी ने मांगा रिकार्ड
छेहरटा स्थित पुरानी दाना मंडी की करीब 5600 गज जगह पर अवैध निर्माण के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
संस, अमृतसर: छेहरटा स्थित पुरानी दाना मंडी की करीब 5600 गज जगह पर अवैध निर्माण के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कालोनाइजरों ने नगर निगम के खजाने को चूना लगाया है। उन्होंने यह जमीन रिहायशी कालोनी बनाने की बात कहकर आढ़तियों से खरीदी थी। निगम से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी इसी का हासिल किया और 127 के करीब दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया। कालोनाइजर ने ऐसा करके नियमों का उल्लंघन किया। यदि वह कामर्शियल के लिए एनओसी प्राप्त करता तो उसे अधिक राशि जमा करवानी पड़ती। साथ ही निगम द्वारा निर्धारित मापदंड जैसे सड़क की चौड़ाई और बरामदे का विकल्प रखना पड़ता।
यह जानकारी आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश कुमार शर्मा ने शनिवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों को दी। सुरेश ने बताया कि उन्होंने निगम के खजाने को चूना लगने की शिकायत वरीय अधिकारियों के साथ-साथ चीफ विजिलेंस अधिकारी निगम को की थी। चीफ विजिलेंस अधिकारी ने 27 मई 2021 को कमिश्नर को रिकार्ड पेश करने के निर्देश दिए थे। करीब एक माह के बाद 22 जून 2021 को फिर अधिकारी ने निगम कमिश्नर को पत्र भेजकर कहा कि 20 मई को पुरानी दाना मंडी नारायणगढ़ छेहरटा में बन रहे अवैध शापिग कांप्लेक्स का रिकार्ड मांगा गया था, परंतु निगम ने अभी तक इसे पेश नहीं किया है। इसलिए पत्र प्राप्त होने के दस दिन में रिकार्ड भेजा जाए। -दैनिक जागरण के माध्यम से यह मामला उनके ध्यान में आया है। वह एमटीपी विभाग को मौका देखने के लिए कहेंगे। किसी भी सूरत में अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। -मलविदर सिंह जग्गी, निगम कमिश्नर
-ओल्ड दाना मंडी में शापिग कांप्लेक्स के निर्माण को रोका गया है। नियमों के खिलाफ निर्माण नहीं करवाया जाएगा। -एमटीपी नरिदर शर्मा
-शापिग कांप्लेक्स में बिजली व सीवरेज के कनेक्शन जारी करने पर रोक लगाई गई है। मामले की जांच जारी है। बिजली के खंभे कालोनाइजर ने अपनी तरफ से लगाए होंगे। -रजत खन्ना, एटीपी वेस्ट