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दैनिक जागरण कार्यालय पहुंची 'प्रॉपर पटोला'

रमेश शुक्ला 'सफर', अमृतसर पंजाबी फिल्मों में नीरू बाजवा हूं और मेरी प्रतिद्वंद्वी केवल एक ही है उ

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 03:07 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 02:40 AM (IST)
दैनिक जागरण कार्यालय पहुंची 'प्रॉपर पटोला'

रमेश शुक्ला 'सफर', अमृतसर

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पंजाबी फिल्मों में नीरू बाजवा हूं और मेरी प्रतिद्वंद्वी केवल एक ही है उसका भी नाम है नीरू बाजवा। मैं डबल रोल में पहली बार फिल्म प्रॉपर पटोला में 28 नवंबर को देश दुनिया के सामने आ रही हूं। मेरी टीम में हरीश वर्मा के साथ-साथ युवराज हंस हैं। फिल्म रोमांटिक कॉमेडी है, लेकिन समाज को शिक्षा देने वाली भी है। नीरू बाजवा बुधवार दोपहर दैनिक जागरण कार्यालय खास तौर पर टीम के साथ आई। फिल्म की प्रमोशन को लेकर उनकी टीम ने आज श्री हरिमंदिर साहिब में माथा भी टेका और दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस भी की। दैनिक जागरण कार्यालय आए फिल्म प्रॉपर पटोला की टीम के सभी कलाकारों ने अपने कई राज खोले। टीम के साथ पंजाबी फिल्मों के प्रमोटर नवीश भी मौजूद थे।

हंसी और संदेश देता है 'प्रॉपर पटोला' का किरदार : नीरू बाजवा

मुझे याद है कि फिल्मों के मोह से मैं पढ़ाई से कुछ देर के लिए दूर रही, लेकिन खुश हूं कि आज मैं फिल्मों के जरिये देश दुनिया को टेंशन के माहौल में खुशी दे रही हूं। पहली बार डबल रोल में फिल्म में आई हूं। जून 2015 में मेरी नई फिल्म 'सरदार जी' रिलीज होगी। हाल ही में प्रदर्शित फिल्म चार साहिबजादे जैसी फिल्में इतिहास बननी चाहिए। मैं प्रॉपर पटोला में एक ऐसे किरदार में हूं जो हंसी भी देता है और संदेश भी।

हरीश वर्मा अब बनेंगे हर्षबीर सिंह

पंजाबी फिल्मों में कम समय में ऊंचाइयों की शिखर पर पहुंचने वाले हरीश वर्मा अब अपना नाम बदलने की सोच रहे हैं। दैनिक जागरण कार्यालय आए हरीश ने मन की बात रखते हुए कहा कि आज ही वह अपने दोस्त युवराज हंस से यही बात कर रहे थे कि मैं अपना नाम हरीश वर्मा से बदलकर हर्षबीर सिंह रख लूं। हरीश कहते हैं कि पंजाबी फिल्में इतिहास रच रही हैं और मुझे खुशी है कि मैं प्रॉपर पटोला में एक ऐसे किरदार की भूमिका निभा रहा हूं जिसे हर वर्ग को पसंद आएगी।

पापा हंसराज हंस को फिल्मों में भी बनाना चाहता हूं पिता

युवराज हंस पिता हंसराज हंस के नक्शेकदम पर ही नहीं चलना चाहते, बल्कि उन्हें अपनी फिल्म में पिता का रोल भी देना चाहते हैं। मानते हैं कि पापा को मना लेंगे, लेकिन झिझक रहे हैं। कहते हैं कि पापा से ही संगीत की एबीसी सीखी तो मां से संस्कार। पहली बार स्कूल में शबद गायन पर ढाई सौ रुपये मिले थे। जो मां को सौंप दिए। बड़ा भाई नवराज हंस बचपन में बहुत पीटता था, लेकिन अब बहुत प्यार करता है। राजनीति में आने से इंकार तो नहीं है, लेकिन अभी हां भी नहीं। पहले अपना करियर बना लूं, बाद में राजनीति होती रहेगी। उन्होंने कहा कि पापा दैनिक जागरण परिवार से जुड़े हैं। मैं भी जब से अखबार पढ़ने लगा तब से दैनिक जागरण पढ़ता हूं।

प्रॉपर पटोला पंजाबी मुटियार का है नाम

प्रॉपर पटोला के नाम से पहले ही दिन प्रमोशन पर चर्चा में आई नीरू बाजवा ने साफ कर दिया कि प्रॉपर पटोला में कोई बुराई नहीं है। प्रॉपर पटोला पंजाबी मुटियारों का हाइटेक प्रचलन है। होटल रमाडा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रॉपर पटोला के नाम पर हंसते हुए नीरू ने कहा कि आंखों में शर्म हो, दिल साफ हो और दिमाग दुरुस्त हो तो शब्दों का चयन और शब्दों को समझने की शक्ति बढ़ जाती है। अगर मुझे कोई प्रॉपर पटोला कहे तो खुश हूं।


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