निलम्बित IPS अफसर अभिषेक दीक्षित व मणि लाल पाटीदार की संपत्तियों की होगी विजिलेंस जांच
Zero Tolerance on Corruption in UP मुख्यमंत्री ने निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित तथा मणि लाल पाटीदार सम्पत्तियो की विजिलेंस से जांच कराने का निर्देश दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो आइपीएस अधिकारियों को सिर्फ निलम्बित करने पर ही संतुष्ट नहीं हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता के मामले में निलम्बित प्रयागराज के एसएसपी रहे मणि लाल पाटीदार की संपत्तियों की भी जांच कराने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज में एसएसपी के पद पर अपने कार्यकाल के दौरान अभिषेक दीक्षित पर भ्रष्टाचार के साथ ही कार्य में शिथिलता तथा मातहतों पर प्रभावी नियंत्रण न होने का आरोप है। महोबा के एसपी रहे मणि लाल पाटीदार पर घूस मांगने के साथ ही अपराधियों पर अपेक्षित कार्रवाई न करने का आरोप है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री का रूख बेहद सख्त हो गया है। अभिषेक दीक्षित तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं और 2018 में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए हैं।
मुख्यमंत्री ने निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित तथा मणि लाल पाटीदार सम्पत्तियो की विजिलेंस से जांच कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ इन दोनों अधिकारियों की अनियमितताओं में शामिल अन्य सभी पुलिसकर्मियों को जांच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कराएंगे। इनके साथ किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पुलिसकर्मियों की जांच डीजीपी कराएंगे और दोषी मिलने पर तत्काल ही इनको दंडित कराया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लगातार हंटर चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने महोबा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया। इससे एक दिन पहले प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलम्बित किया था। मणिलाल पाटीदार पर परिवहन में लगी गाडिय़ों के चलाए जाने के लिए अवैध रूप से पैसे वसूलने और वाहन स्वामी के उत्पीडऩ का आरोप लगा है। उन पर गिट्टी के परिवहन के लिए लगी गाडिय़ों के चलाए जाने के लिए अवैध रूप से धन उगाही की मांग की गई थी, जिसे पूरा नहीं किए जाने पर वाहन स्वामी का पुलिस के माध्यम से उत्पीडऩ किया गया।
इससे पहले मंगलवार को सीएम योगी ने अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था में ढिलाई और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया था। मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था लागू नहीं कर पाने के आरोप को देखते हुए यह कदम उठाया है।
दीक्षित को हाल ही में 16 जून को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। उन्हेंं सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के स्थान पर एसएसपी बनाया गया था। गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय अधिकारी के खिलाफ पुलिस ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के कई आरोपों की वजह से लिया गया है। दीक्षित पर जिले में कानून-व्यवस्था लागू नहीं करने का भी आरोप था। दीक्षित पर उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के आदेश की अवहेलना का भी आरोप था।