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क्या पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव व रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा इस बहुचर्चित सीट से आजमाएंगे अपनी किस्मत ?

देश के नंबर वन लोकसभा क्षेत्र वाल्मीकिनगर में होना है उपचुनाव। सात नवंबर को संसदीय सीट के लिए भी डाले जाएंगे वोट। बिहार विधानसभा चुनाव के शोर में वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव की सरगर्मी गुम। उम्मीदवारों में भी अब तरह की बेचैनी नहीं दिख रही।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 06:01 PM (IST)
क्या पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव व रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा इस बहुचर्चित सीट से आजमाएंगे अपनी किस्मत ?
भाजपा-जदयू गठबंधन में वाल्मीकिनगर सीट जदयू कोटे में है।

पश्चिम चंपारण, सुनील आनंद। बिहार विधानसभा चुनाव के शोर में देश के नंबर वन संसदीय क्षेत्र वाल्मीकिनगर में उपचुनाव की सरगर्मी गुम हो गई है। जिले की नौ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर जिस तरह की रस्साकशी चल रही, उस तरह की बेचैनी वाल्मीकिनगर संसदीय सीट को लेकर नहीं दिख रही है। एक माह पहले इलाके में दौरे पर आए जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने वाल्मीकिनगर से उपचुनाव लडऩे की घोषणा कर राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी बढ़ा दी थी। हालांकि, सूबे में गठबंधन की राजनीति और तीसरे-चौथे फ्रंट के गठन के बाद भी क्या पप्पू यहां से चुनाव लड़ेंगे, इसकी चर्चा आम है।

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शाश्वत केदार के फिर मैदान में आने की सुगबुगाहट

हाल ही में पुलिस महानिदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जदयू में शामिल गुप्तेश्वर पांडेय के भी संसदीय सीट से चुनाव लडऩे की जोरदार चर्चा है। हालांकि, बातचीत में उन्होंने नकार दिया है। कहते हैं, वे जदयू के सिपाही हैं। पार्टी नेतृत्व के निर्देश में काम करेंगे। इस बीच, रालोसपा सुप्रीमो व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के भी यहां से चुनाव लडऩे की चर्चा है। यूपीए गठबंधन में कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी शाश्वत केदार के फिर मैदान में आने की सुगबुगाहट है। इधर, दिवंगत पूर्व सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो के पुत्र सुनील कुमार व जदयू के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न कुशवाहा स्थानीय प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे हैं।

मोदी लहर में हार गए थे वैद्यनाथ

वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा से अलग होकर जदयू मैदान में उतरा था। पांच वर्ष तक जनता के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करने वाले वैद्यनाथ प्रसाद को मात्र 81,612 मत मिले थे। भाजपा ने नरकटियागंज के युवा विधायक सतीशचंद्र दुबे को मैदान में उतारा था। मोदी लहर में सतीश 3,64,013 मत लेकर जीत गए थे।

एनडीए में वाल्मीकिनगर जदयू की सीट

भाजपा-जदयू गठबंधन में वाल्मीकिनगर सीट जदयू कोटे में है। वर्ष 2019 के लोस चुनाव में जदयू-भाजपा की दोस्ती हुई तो सीट जदयू को मिल गई थी। पार्टी ने वैद्यनाथ प्रसाद महतो को मैदान में उतारा था। भाजपा के सीटिंग सांसद सतीशचंद्र दुबे बेटिकट हो गए थे। तमाम कयासों के बावजूद वैद्यनाथ महतो जीत गए थे। उन्हें 6,02,660 मत, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार शाश्वत केदार को 2,48,044 मतों से ही संतोष करना पड़ा था। 


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