Himachal By Election : सेना पर कांग्रेस की फिसली जुबान तो भाजपा को मिला हथियार
हिमालय के आंचल में बसे हिमाचल प्रदेश का मानस गहरी बात पसंद करता है। प्रदेश में उपचुनाव के दौरान आम आदमी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखता है कि कोई नेता हलकी या बचकानी बात न करे।प्रतिभा का यह कथन कि कारगिल कोई बहुत बड़ा युद्ध नहीं था
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal By Election, हिमालय के आंचल में बसे हिमाचल प्रदेश का मानस गहरी बात पसंद करता है। प्रदेश में उपचुनाव के दौरान आम आदमी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखता है कि कोई नेता हलकी या बचकानी बात न करे। मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह का यह कथन कि कारगिल कोई बहुत बड़ा युद्ध नहीं था.. चुनावी रण में कांग्रेस को चुनाव प्रचार में धक्का दे गया। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के इस कथन पर कांग्रेस ने स्थिति को हाथ से निकलने से पहले किनारा कर लिया। हालांकि बाद में प्रतिभा ने भी इंटरनेट मीडिया के जरिये इस बयान पर माफी मांग ली, लेकिन तीर कमान से निकला हुआ लौटता कहां है।
यहां कांग्रेस का मुकाबला कारगिल युद्ध के हीरो रहे भाजपा प्रत्याशी ब्रगेडियर खुशाल चंद ठाकुर से है। ऐसे में लोगों की जनभावनाएं शहीदों के साथ ओतप्रोत हैं। हिमाचल में चार उपचुनाव हो रहे हैं। मंडी संसदीय सीट के लिए उपचुनाव को लेकर ही दिलचस्पी अधिक है। ऐसा दो कारणों के चलते हैं, पहला कारण है कि प्रतिभा ङ्क्षसह वीरभद्र सिंह के निधन के उपरांत उपजी सहानुभूति का लाभ बटारना चाहती है तो दूसरा सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है। मंडी संसदीय सीट का नतीजा सत्ता के सेमिफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। नाम वापस लेने के बाद अब चुनाव प्रचार में दस दिन का चुनाव प्रचार रह गया है और मंडी संसदीय सीट के अतिरिक्त तीन विधानसभा क्षेत्रों कांगड़ा जिला में फतेहपुर सीट, शिमला जिला में जुब्बल-कोटखाई और सोलन जिला में अर्की सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। प्रदेश में सुबह-शाम सर्दी ने आहट दे दी है, लेकिन चुनावी गर्मी तेजी से चढ़ रही है। राज्य में होने वाले चार उपचुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में नजर आ रहा है। शेष दलों की ओर से कोई बड़ा बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है। भाजपा को एक विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में बगावत का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस के स्टार प्रचारक कन्हैया भी पहुंचे
जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारों के आरोप को झेल रहे कांग्रेस का दामन थामने वाले कन्हैया कुमार भी चुनाव प्रचार में पहुंचे।
भाजपा के लिए बगावत शुभ संकेत नहीं
जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को ऐसी बगावत का सामना करना पड़ा है, जहां समूचा मंडल पार्टी को छोड़ गया। भाजपा ने परिवारवाद के नाम पर चेतन बरागटा का टिकट काटा, जबकि उन्हें चुनाव लडऩे के लिए भाजपाई कार्यकर्ताओं ने ही तैयार किया। प्रदेश भाजपा के लिए मंडल पदाधिकारियों का सामूहिक तौर पर त्यागपत्र पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है। अगले वर्ष भाजपा को विधानसभा चुनाव में जाना है और इसी तरह से अनुशासित पदाधिकारियों का एक व्यक्ति विशेष के साथ चले जाना संदेश है।
अभी मुद्दों को धार नहीं मिली
उपचुनाव में अभी तक असल मुद्दों पर वाकयुद्ध शुरू नहीं हो सका है। कांग्रेस की चुनावी टीम नामांकन पत्र दाखिल करने से लेकर अभी तक मुद्दों को सिलसिलेवार चुनावी रण में चर्चा में नहीं ला सकी है। जबकि भाजपा विकास की बात करते हुए आगे बढ़ रही है।